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फिर बढ़े बिजली के दाम, अब 200 यूनिट आने पर चुकाना होगा इतना अधिक बिल

बिजली कंपनियों की दर बढ़ोतरी को नियामक आयोग ने किया मंजूर, अब 13 पैसे बढ़ा FCA, अब 200 यूनिट पर चुकाना होगा 28 रुपए ज्यादा चार्ज।

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फिर बढ़े बिजली के दाम, अब 200 यूनिट आने पर चुकाना होगा इतना अधिक बिल

जबलपुर. मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों ने ईंधन प्रभार समायोजन (FCA) भार बढ़ा दिया है। अब उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 13 पैसे अधिक चुकाने हैं। इस बढ़ोतरी के बाद 20 पैसे की रिलीफ सिर्फ 7 पैसे ही रह गई है। बिजली कंपनियों द्वारा की गई इस बढ़ोतरी के बाद इस महीने से बिजली दरों में उपभोक्ताओं की जेब पर 2.60 फीसदी का भार बढ़ जाएगा। बता दें कि, ये बढ़ोतरी 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी। हालांकि, 100 यूनिट बिजली खपत वाले उपभोक्ताओं पर इसका भार नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे अधिक यूनिट पर बिल की नई शर्तें प्रभावी होकर आएंगी। यानी 200 यूनिट बिल आने पर उपभोक्ताओं पर अब तक के बिल के अनुसार, अब 28 रुपए अधिक चार्ज चुकाना होगा।

नियामक आयोद की स्वीकृति के बाद बिजली कंपनियों द्वारा एक बार फिर उपभोक्ताओं को बिजली का झटका दिया है। आयोग द्वारा ईंधन प्रभार समायोजन में दी जा रही 20 पैसे प्रति यूनिट की छूट को 1 अक्टूबर 2021 से 13 पैसे घटाकर 7 पैसे प्रति यूनिट कर दिया है। यहां बताते चले कि ईंधन प्रभार समायोजन में लागू 20 पैसे प्रति यूनिट की छूट को ऊर्जा मंत्री द्वारा बिजली दरों में कमी के रूप में पेश किया गया था, जिसे अब धीरे-धीरे बिजली कंपनियों द्वारा कटोती की जा रही है।

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नई दर 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक होगी प्रभावी

नई बढ़ोतरी 31 दिसंबर तक लागू होगी। यह बढ़ोतरी लगभग 2.6 फीसदी हुई है। आम उपभोक्ताओं को 1 अक्टूबर से बिजली खपत पर बढ़ी हुई दर लगेगी। उन्हें नवंबर में बढ़ा हुआ बिजली बिल मिलेगा। रिटायर्ड इंजीनियर एके अग्रवाल के मुताबिक 100 यूनिट के खपत पर उपभोक्ताओं को पहले की तरह 100 रुपए ही लगेंगे, लेकिन 200 यूनिट पर अभी 1100 रुपए लग रहे हैं। अब उपभोक्ताओं को 1128 रुपए देने पड़ेंगे। इसी तरह 300 यूनिट पर 43 रुपए बिल बढ़कर आएंगा।


हर यूनिट पर उपभोक्ता को चुकाने होंगे 13 पैसे अधिक

दरअसल, बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग को 1 जुलाई से नई दरें बढ़ाने की मंजूरी दे दी थी। उस दौरान ये दरें 0.63 फीसदी बढ़ी थीं। उसी समय एफसीए चार्ज को माइनस 20 पैसे करके दर को सस्ती की गई थी। इससे बढ़ोतरी के बावजूद बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिलने लगी थी। अब 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक माइनस 20 पैसे एफसीए को माइनस 7 पैसे कर दिया गया है, जिसके बाद बिजली उपभोक्ताओं को 13 पैसे प्रति यूनिट चार्ज अधिक चुकाने होंगे।


जानिये FCA का गणित

ईंधन समायोजन प्रभार FCA वो राशि है, जो बिजली वितरक कंपनी द्वारा ईंधन या कोयले की अलग-अलग कीमत के आधार पर बिल में लागू होने वाली अतिरिक्त राशि होती है। कोयला या ईंधन की कीमत कोयले की मांग और आपूर्ति के आधार पर हर महीने बदलती है और इससे बिजली के उत्पादन की लागत भी इस प्रकार बदल जाती है। बिजली उत्पादन कंपनियां इस लागत को वितरण कंपनियों पर लगाती है, जो इसे उपभोक्ताओं पर लगा देती हैं। एफएसी हर यूनिट बिजली की खपत पर लागू होने वाला शुल्क है। निर्धारित शुल्क के विपरीत बिजली के बिल में खपत के हिसाब से कम-बढ़ होता रहता है।


इस तरह समझें बढ़ोतरी

-100 यूनिट खपत पर-100 रुपए

-200 यूनिट पर अबतक


-कुल बिल-1100 रुपए


अब 200 यूनिट पर चुकाना होगा चार्ज

-कुल बिल बनेगा-1128 रुपए

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