
Supreme Court of India
Supreme Court on OBC Reservation: एमपी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण पर दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। इसमें हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें ओबीसी को 27% आरक्षण देने पर रोक के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमएम सुंद्रेश व जस्टिस राजेश बिंदल की डिवीजन बेंच ने याचिका का निराकरण कर दिया। विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है।
मध्यप्रदेश में ओबीसी को दिए जाने वाले आरक्षण की सीमा को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किए जाने का फैसला 2019 में लिया गया था। इसके दो साल बाद सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सितम्बर 2021 में आदेश जारी कर सरकारी भर्तियों में लागू किए जाने की घोषणा की, जिसे चुनौती देते हुए यूथ फॉर एक्वलिटी ने याचिका दायर कर इसे असंवैधानिक बताते हुए निरस्त करने की मांग की।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। लेकिन जनवरी 2025 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आरक्षण के विरोध की यह याचिका खारिज कर दी। जिसे चुनौती देते हुए यूथ फॉर एक्वलिटी ने विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की। इस पर सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की डिवीजन बेंच ने याचिका का निराकरण कर दिया। अभी इसपर सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है।
ओबीसी आरक्षण 27% किए जाने पर अलग-अलग तर्क हैं। इसमें कई याचिकाएं आरक्षण के विरोध में दायर की गई हैं तो समर्थन में भी बहुत सी हैं। इनमें भर्तियों को चुनौती देते हुए आरक्षण पर सवाल भी उठाए हैं तो 27% आरक्षण की मांग भी उठाई है।
इसी के चलते बीच में सरकार ने सरकारी भर्तियों में 87:13 का फार्मूला अपनाया है। 13 फीसदी पद होल्ड पर रखे जाने को लेकर भी याचिकाएं दायर हैं।
Updated on:
08 Apr 2025 09:05 am
Published on:
08 Apr 2025 09:04 am
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