
terrorists helpers in mp
जबलपुर . राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लगे आतंकियों को मध्यप्रदेश से भी खूब मदद की जा रही है। यूपी एटीएस की ओर से किए गए टेरर फंडिंग के खुलासे से जबलपुर भी सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आया गया है। यूपी एटीएस के खुलासे में सामने आया है कि टेरर फंडिंग के तार एमपी के कई शहरों से जुड़े हैं। रीवा से हुई उमाशंकर सिंह की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियां भी चौकस हो गई हैं। एटीएस, एसटीएफ, आईबी, सेना इंटेलीजेंस भी अपने स्तर से छानबीन कर रही हैं।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक पूर्व में जबलपुर से हुई सिमी खजांची और आईएम आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद भले ही कोई बड़ी गिरफ्तारी नहीं हो सकी, लेकिन कई एेसे मामले आए, जब इस तरह की आशंका को बल मिला हो। यूपी एटीएस के मुताबिक अन्य आरोपितों के अलावा रीवा निवासी उमाशंकर सिंह ही था, जिसके पास पाकिस्तान से बैंक खाते जुटाने के लिए फोन आते थे। रीवा से जबलपुर का सीधा जुड़ाव है। जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियां यहां भी इस बात की तस्दीक कर में जुटी है कि टेरर फंडिंग के लिए यहां तो किसी तरह का नेटवर्क न खड़ा किया गया हो। इसके लिए बैंकों से दूसरे देशों में फंड ट्रांसफर की जानकारी भी जुटाई जा रही है।
जबलपुर में वर्ष २०१७ में क्राइम ब्रांच ने समानांतर एक्सचेंज का खुलासा किया था। जिसमें एक मशीन में सिम लगाकर आरोपित खाड़ी जैसे देशों से आने वाली इंटरनेशनल कॉल को नेशनल कॉल में बदल देते थे। इसे मोबाइल से ऑपरेट करते थे। इस खुलासे के समय देश की संचार कम्पनियों को हर महीने ६४ करोड़ से अधिक नुकसान की बात कही गई थी।
ये भी है वजह
२१ जनवरी को दिल्ली में गिरफ्तार इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) व सिमी से जुड़े आतंकी अब्दुल कुरैशी उर्फ तौकीर ने वर्ष २००८ में अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट के बाद घमापुर थाना क्षेत्र में शरण ली थी।
२० सितम्बर वर्ष २००८ में एटीएस ने नई दिल्ली और अहमदाबाद की बसों में विस्फोट की छानबीन के दौरान सिमी सदस्य गोहलपुर नई बस्ती निवासी सिमी खजांची मोहम्मद अली को गिरफ्तार किया था।
वर्ष 2009 में गोहलपुर, हनुमानताल से जयपुर में हुए विस्फोट के षड्यंत्रकारी इनामुल रहमान, अमजद खान, शेख अफरोज व आजाद अहमद को गिरफ्तार किया गया था।
जून 2011 में एटीएस ने अधारताल में छात्र बनकर किराए से रहने वाले गुजरात निवासी शेख मुजीब, खंडवा के असलम, उज्जैन निवासी हबीब उर्फ शेट्टी तथा साजिद उर्फ शेरू को गिरफ्तार किया था।
वर्ष २०१२ में ओमती में पिता-पुत्र पर एनएसए की कार्रवाई में भी टेरर फंडिंग की बात सामने आई थी। आरोपितों के यहां से जब्त सीडी, मोबाइल फोनों, लैपटॉप, सीडी सहित अन्य रेकॉर्ड पुलिस मुख्यालय और गुप्तचर एजेंसियों को सौंपा गया था।
Published on:
27 Mar 2018 10:07 am
बड़ी खबरें
View Allजबलपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
