
Bastar News: 2019 के बाद सिर्फ चार साल के अंतराल में बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों में सुरक्षाबलों के 250 से अधिक कैंप स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा नियद नेल्लानार योजनांतर्गत 58 कैंप खोले जाने हैं। इनमें से 21 स्थापित हो गए हैं जबकि 37 प्रस्तावित हैं।
इस लिहाज से माने तो बस्तर डिवीजन के प्रत्येक दो से सात किलोमीटर के रेंज में सुरक्षाबल का एक-एक कैंप स्थापित किया जा चुका है। फोर्स की स्थापना के बाद यह अनुपात सामने आया है कि (Bastar News) बस्तर में प्रत्येक नौ सिविलियन के पीछे एक पैरामिलिट्री तैनात है। इससे यह देशभर का सबसे सैन्य संवेदनशील इलाका माना जा रहा है।
सुरक्षाबल के इन कैंप का फैलाव संभाग के कांकेर, नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, कोंडागांव, बस्तर, बीजापुर में है। इस रिपोर्ट का संकलन मानवाधिकार संगठन व सोशल एक्टिविस्ट ने बीते साल फरवरी व अप्रैल 2023 के फैक्ट फाइंडिंग में इकट्ठा किए हैं।
सिटीजन्स रिपोर्ट आन सिक्योरिटी एंड इनसिक्योरिटी के नाम से 80 पन्नों की रिपोर्ट 12 अगस्त 24 को प्रकाशित प्रकशित हुई है। इस रिपोर्ट में इन कैंप की स्थापना व उसके आदिवासी इलाकों में पड़ रहे प्रभाव का अध्ययन व प्रभावितों के बयान शामिल हैं।
सुकमा जिले के सिलगेर इलाके में 123 किमी के दायरे में जहां आबादी न के बराबर है में 26 पैरामिलिट्री कैंप स्थापित हैं। इनमें फुंडेरी व सिलगेर के बीस किमी के दायरे में ही चार कैंप बनाए गए हैं। (Bastar News) इन कैंपों की स्थापना का ग्रामीणों ने विरोध भी किया था। ग्रामीणों का कहना है कि फोर्स की स्थापना से वे जान का खतरा महसूस करते हैं।
Bastar News: हाल ही में मेरा खुशहाल गांव यानि नियद नेल्लानार योजना के तहत पुलिस व प्रशासन ने सुरक्षाबल के कैंप स्थापित करने का नवाचार शुरू किया है। इसके तहत सुकमा में 14, बीजापुर में 19, नारायणपुर में 15, दंतेवाड़ा व कांकेर में दो-दो कैंप सहित 58 कैंप बनाए जाएंगे। जिनमें 21 स्थापित हो गए हैं जबकि 37 प्रस्तावित हैं।
बस्तर रेंज सुंदरराज पी. आईजी नक्सल सुरक्षाबल के कैंप का विरोध नक्सल विचारधारा से जुड़े संगठन कर रहे हैं। कैंप बनने से मूलभूत सुविधाएं पहुंचेगी। ऐसी रिपोर्ट से फर्क नहीं पड़ेगा। सरकार अपना कार्य करती रहेगी।
Bastar News: बस्तर संभाग के सात जिलों में दस से अधिक पैरामिलट्री बल तैनात हैं इनमें छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स, सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस, सशस्त्र सीमा बल, सेंट्रल इंडस्ट्रीयल सिक्योरिटी फोर्स, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स, सीएपीएफ, स्पेशल टास्क फोर्स, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, डीआरजी व बस्तर फाइटर्स हैं। इनमें सीआरपीएफ दक्षिण बस्तर, बीएसफ मध्य बस्तर व आईटीबीपी की तैनाती कांकेर, कोंडागांव व नारायणपुर में है।
इधर, शासन का कहना है कि यह इलाके नक्सल प्रभावित हैं। इसलिए कैंप स्थापित किए गए हैं। यहां सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए फोर्स की सहायता लेना जरूरी है।
Updated on:
31 Aug 2024 11:22 am
Published on:
31 Aug 2024 11:16 am
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