
CG Naxal News: आकाश मिश्रा/पहली बार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बस्तर के अंदरूनी इलाकों की सड़कों को बनवाने की पहल की है। इन सड़कों पर इस बार राज्य का कोई दखल नहीं होगा। ये सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय की मॉनिटरिंग में बनेंगी। धुर नक्सली इलाकों में बन रही सड़कों पर करीब 250 करोड़ खर्च होंगे। इनमें वह इलाका भी शामिल है जहां कभी 200 से ज्यादा आईईडी जमीन में दबे मिले थे।
जानकार कहते हैं कि इन इलाकों में सड़क बन जाने के बाद फोर्स की आमद इन क्षेत्रों में बढ़ेगी। कैंप स्थापित होंगे तो नक्सलियों के बैकफुट पर जाएंगे। बीजापुर जिले के तर्रेम, एलमगुड़ा, सिलगेर, कोण्डापाली, पूवर्ती जैसे धुर नक्सल प्रभावित इलाके में सड़कें बनाई जाएंगी। इन इलाकों में रहने वाले आदिवासी अब तक पगडंडी पर चलते रहे हैं। लेकिन पहली बार वे चमचमाती सड़कों पर सफर करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन ने इसी महीने 17 तारीख को दिल्ली से ऑनलाइन बैठक लेते हुए इस पूरे प्रोजेक्ट की समीक्षा की है। छत्तीसगढ़ के पीडब्ल्यूडी अफसर इस बैठक में शामिल थे और गृह सचिव को अफसरों ने बताया कि सड़कों को तैयार करने की कार्य योजना तैयार है। इसी बैठक में तय किया गया कि इसकी मॉनिटरिंग गृह मंत्रालय के जिम्मे होगी।
बस्तर में अब तक तैयार नक्सल प्रभावित इलाकों की सड़कों का इतिहास रक्त रंजित रहा है। सड़क निर्माण के दौरान सुरक्षा में तैनात सैकड़ों जवान शहीद हो चुके हैं। दंतेवाड़ा जिले में पिछले दो दशक से बन रही अरनपुर-जगरगुंडा सड़क के निर्माण के दौरान दो सौ से ज्यादा आईईडी दबे थे। (CG Naxal News) इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रभावित इलाकों में सड़कें बनाना कितना चुनौतीपूर्ण है। बस्तर जिले में आने वाली पल्ली-बारसूर का निर्माण भी ढाई दशक में पूरा हुआ।
सुकमा जिले में नक्सलियों के गढ़ को भेदने के लिए दो प्रमुख सड़क एलमागुड़ा- दुलेड़ होते हुए पूवर्ती व मिनागुंडेम से कोटागुट्टा को केंद्र सरकार की स्वीकृति मिल गई है। दुर्दांत नक्सल कमांडर हिड़मा के गांव पूवर्ती तक जाने वाली ये सड़कें एक दर्जन से अधिक ऐसे गांवों को जोड़ेगी।
51.25 किमी और 13.25 किमी लंबाई वाली दोनों सड़कों का निर्माण नक्सलियों के सबसे मजबूत आधार क्षेत्र में होगा। सुकमा व बीजापुर जिले का सीमावर्ती यह क्षेत्र तेलंगाना राज्य की सीमा से सटा हुआ है। यह क्षेत्र नक्सलियों के केंद्रीय समिति के नेताओं की भी शरणस्थली है।
CG Naxal News: पीडब्ल्यूडी बस्तर, चीफ इंजीनियर, जी.आर. रावटे ने पत्रिका को जानकारी दी कि अंदरूनी इलाकों की सड़कों के निर्माण के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले हमसे प्रस्ताव मांगा था। हमने वह तैयार करके दे दिया था। इसके तहत बीजापुर और सुकमा जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़कें बननी हैं। वर्क प्लान अब केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास है। इन सड़कों के लिए तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था चाहिए इसलिए हो सकता है कि गृह मंत्रालय ने खुद सड़क का जिम्मा लिया है।
Published on:
02 Oct 2024 07:44 am
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