19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CG News: प्रदेश में सबसे ऊंचे स्थान पर स्थापित होगा फोर्स का कैंप, नक्सलियों को खदेड़ने 1000 जवान होंगे तैनात…

CG News: यहां कैंप स्थापित करने का मुख्य कारण यही है कि पहाड़ी के बाकी हिस्से पर भी फोर्स की पहुंच हो सके। रणनीतिक आधार पर नक्सलियों को कमजोर करने के लिए कैंप स्थापित करने का फैसला लिया गया है।

2 min read
Google source verification
CG News: प्रदेश में सबसे ऊंचे स्थान पर स्थापित होगा फोर्स का कैंप, नक्सलियों को खदेड़ने 1000 जवान होंगे तैनात...

CG News: छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर फोर्स का कैंप स्थापित होगा। पांच हजार फीट की ऊंचाई पर सबसे मुश्किल हालात में जवानों की तैनाती की जाएगी। बताया जा रहा है कि पहाड़ी के एक बड़े हिस्से से नक्सलियों को खदेडऩे के बाद यहां पर डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा और सीआरपीएफ के जवान तैनात करने की तैयारी शुरू हो चुकी है।

CG News: कैंप स्थापित करने का फैसला

पहाड़ी पर एक हेलीपैड भी तैयार किया जाएगा। इस हेलीपैड के जरिए ही जवानों को पहाड़ी तक लाया जाएगा। कर्रेगुट्टा कैंप प्रदेश का सबसे ऊंचा कैंप होगा। यहां पर जवानों की तैनाती आसान नहीं है। उन्हें यहां बेहद मुश्किल हालात में रहना होगा। दरअसल इस पहाड़ी पर अब भी नक्सलियों का कब्जा है। जवानों ने सिर्फ एक पैच को नक्सलियों से मुक्त करवाया है।

यहां कैंप स्थापित करने का मुख्य कारण यही है कि पहाड़ी के बाकी हिस्से पर भी फोर्स की पहुंच हो सके। रणनीतिक आधार पर नक्सलियों को कमजोर करने के लिए कैंप स्थापित करने का फैसला लिया गया है। पहाड़ी पर अब भी कई ऐसे स्थान है जहां नक्सलियों के छिपने की जगह है। वहां तक जवान पहुंचे इसलिए उन्हें स्थायी रूप से तैनात करने की कवायद की जा रही है।

280 वर्ग किमी में तीन राज्यों तक फैली है पहाड़ी

CG News: कर्रेगुट्टा पहाड़ी की भगौलिक स्थिति ऐसी है कि यह 280 वर्ग किमी के दायरे में छत्तीसगढ़ से तेलंगाना और महाराष्ट्र तक फैली हुई है। यह इतनी वृहद पहाड़ी है कि इसे फतह करना फोर्स के लिए अहम चुनौती है। अगर यह पहाड़ी पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो जाती है तो यह फोर्स के लिए निर्णायक जीत होगी। इसी पहाड़ी से नक्सल संगठन ऑपरेट हो रहा है। नक्सली अभी इसके सिर्फ एक हिस्से से पीछे हटे हैं। सूत्र बताते हैं कि अभी भी पहाड़ी के एक बड़े हिस्से में 1000 से 1500 नक्सली ऑटोमेटिक हथियार के साथ मौजूद हैं।

यह भी पढ़ें: 5000 फीट की खड़ी चढ़ाई चढ़कर… कर्रेगुट्टा पहाड़ी के टॉप पर पहुंची फोर्स, अब बड़ा हिस्सा आया कब्जे में

बस्तर में अभी यही नक्सलियों का सेफ इलाका

बस्तर में नक्सलियों का सेफ इलाका अब सीमित हो चुका है। नेशनल पार्क एरिया से लेकर अबूझमाड़ के दुर्गम इलाकों तक में फोर्स के कैंप स्थापित हो चुके हैं। यही कारण है कि अब फोर्स ने अपना पूरा फोकस कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर किया है। यह पहाड़ी अगर नक्सल मुक्त हो जाती है तो नक्सलियों के छिपने की जगह फिर नहीं बचेगी। नक्सली भी इसी बात से चिंतित हैं।

शांति वार्ता की पेशकश इसलिए ताकि पहाड़ी से दूर हो जाए फोर्स

CG News: कर्रेगुट्टा ऑपरेशन के बीच नक्सलियों ने दो बार पत्र जारी कर सरकार से ऑपरेशन बंद करने की मांग की। नक्सलियों ने अपने अंतिम पत्र में यह तक कह दिया कि वे बिना शर्त के भी वार्ता के लिए तैयार हैं। नक्सली नहीं चाहते कि फोर्स उनके अंतिम विकल्प पर काबिज हो। यही कारण है कि वे बेचैन हैं और शांति वार्ता के लिए जरिए फोर्स को इलाके से दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार ने स्पष्ट कर दिया है वह अब वार्ता नहीं चाहती है।