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Bastar Dussehra: बस्तर दशहरा की परंपरा, संस्कृति को संरक्षित करना हमारा दायित्व, सांसद का बड़ा बयान

CG News: बस्तर के पर्यटन स्थलों को अब यूनेस्को जैसी संस्थान द्वारा पुरस्कार दे रही है, बस्तर दशहरा के साथ सभी पर्यटन स्थलों का भ्रमण करेंगे, ये पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

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बस्तर दशहरा की परंपरा (Photo source- Patrika)

बस्तर दशहरा की परंपरा (Photo source- Patrika)

CG News: बस्तर दशहरा समिति की बैठक रविवार को जिला कार्यालय के प्रेरणा कक्ष में आयोजित की गई। सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप, महापौर संजय पांडेय, नगर निगम सभापति खेम सिंह देवांगन, माटी पुजारी बस्तर राजपरिवार कमलचंद भंजदेव, कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रतीक जैन, वन मंडलाधिकारी उत्तम गुप्ता, अपर कलेक्टर बस्तर सीपी बघेल की मौजूदगी में दशहरा से संबंधित अहम निर्णय लिए गए।

बैठक में नए उपाध्यक्ष का चुनाव किया गया, जिसमें बलराम मांझी को सर्वाधिक मांझी की सहमति मिली। इस अवसर पर सांसद महेश कश्यप ने नवनियुक्त उपाध्यक्ष को बधाई देते हुए कहा कि बस्तर दशहरा हमारी बहुत पुरानी परंपरा और संस्कृति है, हमारे पूर्वजों ने आमचो बस्तर की स्थानीय संस्कृति, रीति- रिवाज, लोक परंपरा को सहेजकर रखा है।

Bastar Dussehra: राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर संरक्षित किया

हमे भी इस परंपरा- संस्कृति को संरक्षित करना है। संस्कृति को जीवित रखने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है। दशहरा में सभी समाज की सहभागिता रहती है, दशहरा में अलग-अलग समाज अपने दायित्व का निर्वहन करते है यह सामाजिक एकता का प्रतीक है।

दशहरा पर्व के ऐतिहासिक स्थलों का राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर संरक्षित किया जाना है। उन्होंने कहा कि दशहरा पर्व के शासन द्वारा दी गई बजट के अलावा स्थानीय स्तर राष्ट्रीय कंपनियों से भी बजट की राशि बढ़ाने के लिए चर्चा किया गया है। बस्तर के पर्यटन स्थलों को अब यूनेस्को जैसी संस्थान द्वारा पुरस्कार दे रही है, बस्तर दशहरा के साथ सभी पर्यटन स्थलों का भ्रमण करेंगे, ये पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

रिक्त पदों पर भर्ती करने की मांग

Bastar Dussehra: इस दौरान माटी पुजारी कमलचंद भंजदेव ने कहा कि दशहरा में क्षेत्र के देवी-देवताओं और विभिन्न समुदायों की भागीदारी का अद्भुत उदाहरण है। उन्होंने इस पर्व में विशेष भूमिका निभाने वाले मांझी, चालकी, सेवादारों की रिक्त पदों भर्ती सभी करवाने की पहल करने की मांग की।

साथ ही देवी देवताओं का आश्रय स्थल की व्यवस्था पर आवश्यक व्यवस्था करने के लिए कहा। इस अवसर पर मांझी-चालाकियों ने भी बस्तर दशहरा की सभी परंपराओं के नियमानुसार पालन तथा इसके सुव्यवस्थित एवं सुरक्षित आयोजन के लिए सुझाव दिए। दशहरा महोत्सव की प्रमुख तिथियों और विधानों की जानकारी दी गई।