5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CG News: पिता ने 20 साल तक बेटी को कमरे में रखा कैद, रेस्क्यू के बाद सामने आया चौंकाने वाला खुलासा

CG News: बस्तर जिले में पिता ने अपनी 8 साल की बेटी लिसा को 20 साल तक अंधेरे कमरे में कैद रखा। पढ़ें इस दर्दनाक घटना की पूरी कहानी और जानें कैसे बचपन और जवानी अंधेरे में बर्बाद हुई।

2 min read
Google source verification
20 साल कमरे में कैद रही बेटी (photo source- Patrika)

20 साल कमरे में कैद रही बेटी (photo source- Patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले के बकावंड ब्लॉक से एक चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक पिता ने अपनी बेटी लीसा को 20 साल तक इस डर से एक अंधेरे कमरे में बंद रखा कि कहीं उसके साथ छेड़छाड़ न हो जाए। इस घटना ने समाज को गहरा सदमा पहुंचाया है, और इसके बारे में सुनकर हर कोई हैरान है।

CG News: जानें कैसे हुई कैदगी?

लिसा सिर्फ़ 8 साल की थी जब उसके पिता ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया। कमरा पूरी तरह से बंद था- उसमें न तो रोशनी थी और न ही हवा आने-जाने की कोई जगह थी। खाना-पीना, सोना, नहाना - उसकी सारी ज़रूरतें उसी एक कमरे में पूरी करनी पड़ती थीं। धीरे-धीरे, लिसा की पूरी ज़िंदगी उसी छोटे, अंधेरे कमरे में सिमट गई। लगातार अंधेरे की वजह से उसकी आँखों की रोशनी भी चली गई। इस भयानक हालत के बावजूद, पड़ोसियों को कोई अंदाज़ा नहीं था कि घर के अंदर एक बच्ची की ज़िंदगी बर्बाद हो रही है। लिसा का बचपन और जवानी दोनों अंधेरे में ही गुज़रे।

रेस्क्यू की कहानी

कुछ महीने पहले, लिसा के पिता गुज़र गए। उनकी मौत के बाद, लिसा के दादाजी ने हिम्मत करके सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलते ही, डिपार्टमेंट की एक टीम मौके पर पहुंची और लिसा की हालत का जायज़ा लिया। उसकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा असर पड़ा था।

लिसा को तुरंत घर से निकालकर 'घराउंदा आश्रम' ले जाया गया। आश्रम के एडमिनिस्ट्रेटर्स ने बताया कि उसका इलाज, देखभाल और मेंटल हेल्थ थेरेपी चल रही है। लिसा की हालत इतनी नाज़ुक थी कि उसे नॉर्मल ज़िंदगी में वापस लाने में समय और सब्र दोनों लगेंगे।

समाज और प्रशासन की प्रतिक्रिया

CG News: इस घटना से पूरा बस्तर इलाका हिल गया है। लोग हैरान हैं कि एक पिता अपनी ही बेटी के साथ ऐसी क्रूरता कैसे कर सकता है। समाज कल्याण विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

आशा और उपचार

CG News: घरौंदा आश्रम की कोशिशों की वजह से, लिसा धीरे-धीरे नॉर्मल ज़िंदगी में लौट रही है। उसे अपनी पढ़ाई, सोशल एक्टिविटीज़ और मेंटल हेल्थ के बारे में खास ध्यान मिल रहा है। आश्रम की टीम उसे एक सुरक्षित और प्यार भरा माहौल देने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है ताकि वह अपनी ज़िंदगी के 20 साल जो उसने खो दिए हैं, उन्हें कुछ हद तक वापस पा सके।