
पर्यटन और संस्कृति को मिलेगी नई पहचान (Photo source- Patrika)
CG News: जैव विविधताओं से भरपूर बस्तर की अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को देश-दुनिया के सामने और अधिक व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत करने के लिए जिले में कनेक्ट बस्तर पहल का शुभारंभ किया गया। उम्मीद है कि यह पहल न केवल पर्यटन और संस्कृति को नई दिशा देगी बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगी। कार्यक्रम में बस्तर के प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाले विशेष पैकेज और ब्राउजर प्लेटफार्म लॉन्च किए गए। इसके जरिए पर्यटक डिजिटल माध्यम से बस्तर की खूबसूरती को आसानी से देख और यात्रा की योजना बना सकेंगे।
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने 10 पर्यटन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि बस्तर का क्षेत्रफल केरल से भी बड़ा है और इसकी प्राकृतिक सुंदरता अद्वितीय है। वर्ष 2026 तक इस क्षेत्र को नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य है। पर्यटन को उद्योग के रूप में विकसित करने से स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध होगा। इस योजना में टैरिफ के तहत टाटामारी से लेकर दंतेश्वरी मंदिर सहित बस्तर के जलप्रपातों को चार आकर्षक पैकेज में शामिल किया गया है।
‘‘कनेक्ट बस्तर’’ पहल से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि बस्तर की लोकसंस्कृति, लोकनृत्य, संगीत, हस्तशिल्प और त्योहारों को भी व्यापक पहचान मिलेगी। बस्तर में पर्यावरण और जैव विविधता संरक्षण के प्रति पर्यटकों में जागरूकता फैलाना भी इस योजना का अहम हिस्सा है। गौरतलब है कि बस्तर के कांगेर घाटी नेशनल पार्क में स्थित ग्राम धुड़मारास को कायकिंग, बैंबू राफ़्टिंग, और होम स्टे से अंतर्राष्ट्रीय पहचान बना चुकी है। यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र ने धुड़मारास को दुनिया के टॉप 20 पर्यटन ग्राम की सूची में शामिल किया है।
CG News: नवीन कुमार, निदेशक कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान: कनेक्ट बस्तर पहल से यहां के पर्यटन को नई गति मिलेगी। बस्तर की पहचान अब वैश्विक स्तर पर बन रही है। यह पहल स्थानीय लोगों को आजीविका के अवसर देगी और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम भूमिका निभायेगी।
Updated on:
27 Aug 2025 11:52 am
Published on:
27 Aug 2025 11:51 am
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