
बस्तर के मोची सरजू नाग ने किया शवदान (photo source- Patrika)
CG News: बस्तर में बेहद सादगी से जीवन जीने वाले एक मोची ने रतन टाटा की उदारता से प्रेरित होकर एक अनोखा फैसला लिया है। वह है अपना शव दान करने का। दंतेश्वरी वार्ड के निवासी सरजू नाग (42 वर्ष) ने मंगलवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचकर शव दान फॉर्म भर दिया। उनका कहना है कि बस्तर जैसे क्षेत्र में डॉक्टरों की भारी कमी है, जहां मानव शव से मेडिकल छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान मिलेगा।
दंतेश्वरी वार्ड में रहने वाले सरजू नाग मोची का काम कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उनके अधिकांश परिवार के सदस्य स्वर्गवासी हो चुके हैं, एक बेटी है। सरजू ने बताया कि रतन टाटा ने निधन के बाद अपना शव पक्षियों को दान कर दिया, ताकि प्रकृति का चक्र बना रहे। यह बात जानकर मेरा मन परिवर्तित हो गया। मैंने बेटी को बताया और मेकाज पहुंचे। वहां शव दान की पूरी प्रक्रिया समझी, फॉर्म भरा। मरने के बाद मेरा शव मेकाज को सौंप दिया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ी को सीखने को मिले।
CG News: मेकाज अधीक्षक का कहना है कि बस्तर जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र में ऐसी जागरूकता वाकई चौंकाने वाला है। मेकाज जैसे संस्थानों में मेडिकल छात्रों को मानव शवों की कमी से एनाटॉमी जैसे विषयों में कठिनाई होती है। उन्होंने कहा कि शव दान से छात्रों को वास्तविक ज्ञान मिलता है। सरजू जैसे व्यक्तियों का कदम क्रांति ला सकता है। हम जागरूकता अभियान चलाएंगे।
Updated on:
11 Nov 2025 03:05 pm
Published on:
11 Nov 2025 03:04 pm
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