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CG News: महुआ के फूल से महकने लगा बस्तर, जंगल व ग्रामीण इलाकों में बिखरी रौनक

CG News: महुआ सीजन शुरू होते ही जंगलों में आग लगने की आशंका बढ़ जाता है। महुआ संग्रहण के लिए ग्रामीण पेड के नीचे आग लगाते है और बिना बुझाये उसे छोड़कर चले जाते हैं।

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CG News: महुआ के फूल से महकने लगा बस्तर, जंगल व ग्रामीण इलाकों में बिखरी रौनक

CG News: जगदलपुर बस्तर के ग्रामीण आंचल में महुआ के फूल का टपकना शुरू हो गया है। ऐसे में यहां के आदिवासी महुआ फूल संग्रहण के लिए पूरे परिवार सहित सुबह से ही आसपास के जंगलों व खेतों में नजर आ रहे हैं। महुआ बस्तर के आदिवासियों के लिए आय का प्रमुख स्रोत है। इसे सरकार के अलावा स्थानीय व्यापारी से अच्छा दाम मिलता है। साल भर तक वे महुआ के फूल, पेड व पत्तों पर आधारित कुटीर उद्योगों का संचालन करते हैं।

CG News: एक पेड़ से मिलता है तीन क्विंटल महुआ

महुआ संग्राहकों के अनुसार एक अच्छे और स्वास्थ्य पेड़ से लगभग दो से लेकर तीन क्विंटल महुआ को संग्रहण किया जा सकता है। यही वजह है कि जंगल में इस तरह के पेड़ों पर आसपास के घरों में निवास करने वाले लोगों का अधिकार होता है। यही नहीं कई घरों में महुए की पेड़ को बड़े जतन के साथ देखभाल किया जाता है। आय का प्रमुख स्त्रोत होने के कारण बस्तर के ग्रामीण महुंए के पेड़ को किसी देवता की तरह पूजते हैं।

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महुआ के लिए जंगल में लगती है आग

महुआ सीजन शुरू होते ही जंगलों में आग लगने की आशंका बढ़ जाता है। महुआ संग्रहण के लिए ग्रामीण पेड के नीचे आग लगाते है और बिना बुझाये उसे छोड़कर चले जाते हैं। यह आग धीरे-धीरे पूरे जंगल को चपेट में ले लेती है। इसके चलते हर वर्ष बड़ी मात्रा में वन सम्पदा का नुकसान होता है। ऐसे में वन विभाग जंगल को आग से बचाने जागरूकता अभियान चलाती है।

CG News: जंगलों में आदिवासियों को परिवार सहित देखा जा सकता है यही वजह है कि इन दिनों जंगल में रौनक बिखरी रहती है। सूर्य के चढ़ते ही पेड़ों से फूल गिरना कम हो जाता है। ऐसे में सुबह से ही ग्रामीण महुए के पेड़ के नीचे फूल इकट्ठा करने पहुंच जाते हैं। बस्तर में महुआ का फूल आदिवासियों की आय का सबसे प्रमुख जरिया होता है।

इस वर्ष फसल सामान्य-जानकारों के मुताबिक इस वर्ष महुआ की पैदावार सामान्य होने की संभावना है। लगातार शुष्क मौसम और जलवायु परिवर्तन के चलते अभी तक महुआ का बम्पर पैदावार होने की संभावना नहीं है। लेकिन बीते वर्ष की तुलना में ग्रामीणों को इस वर्ष महुआ संग्रहण सामान्य रहने की उम्मीद है।