
CG Water Crisis: इंद्रावती नदी के सूखने से बस्तर किसानों की फसलें सूख रही हैं जिसके कारण किसानों के आंखों से नींद उड़ गई है। जल संकट से जूझ रही नदी रेत के नाले में तबदील है। हजारों एकड़ फसलें प्रभावित हो रही हैं। कहते हैं कि नदियां धरती की जीवन रेखा हैं लेकिन जब वही सूखने लगें तो आस-पास के जीव-जन्तु के साथ इंसानों की जिंदगी से हंसी थम जाती है।
इंद्रावती के किनारे बसने वाले किसान का परिवार सूखती फसलों के कारण संकटग्रस्त है। परेशान किसानों ने राज्य सरकार से जल के लिए गुहार लगाया है। जिससे उनकी फसलें बच सकें। दूसरे किसानों का कहना है कि हमारा समाधान सरकार के आश्वासन के नीचे दब गया है। पानी के आभाव में खेत में लहलहाती फसलें अब सूख रही हैं जिसे देखकर बस्तर का किसान कराह रहा है।
अन्नदाताओं का कहना है कि सरकार किसानों की समस्याओं को गंभीरता से ले अन्य था हमारी फसलें बरबाद हो जायेगी। बस्तर के बाइस पंचायतों के प्रभावित किसान राज्य सरकार से मुआवजे की मांग की है। किसानों का कहना है कि नदी के सूखने से उनकी आजीविका के साथ पूरा परिवार प्रभावित हो रहा है। सरकार प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर नुकसान का आंकलन करें एवं उसके आधार पर मुआवजा दे।
CG Water Crisis: इंद्रावती नदी बचाओ संघर्ष समिति उपाध्यक्ष वीर सिंह बघेल ने राज्य सरकार से इसमें हस्तक्षेप करने की अपील की है। नदी के जल वितरण प्रणाली में बदलाव और सिंचाई के लिए वैकल्पिक स्रोतों की तलाश जरूरी है। इंद्रावती नदी का सूखना भविष्य की समस्याओं को लेकर हमें आगाह करता है।
ग्राम पंचायत बड़े चकवा उप सरपंच पूरन सिंह कश्यप और किसान का कहना है कि इंद्रावती नदी के जलस्तर गिरने से हम किसानों की फसलें बेकार हो रही हैं। बस्तर के अधिकांश किसान नदी और वर्षा जल पर निर्भर हैं। किसानों ने अधिकारियों पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए। किसानों की समस्या को गंभीरता से नहीं लेकर सरकार हमें उग्र प्रर्दशन करने के लिए उकसा रही है।
Published on:
30 Mar 2025 01:12 pm
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