
उफान पर सभी जलप्रपात (Photo source- Patrika)
CG Water Falls: कांकेर जिले के मलाजकुंडुम जलप्रपात में रायपुर के एक युवक की गिरकर मौत हो गई। बताया गया कि मृतक अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने आया था, इसी दौरान पैर फिसलने से वह झरने के नीचे जा गिरा। इस हादसे ने एक बार फिर बस्तर समेत पूरे संभाग के जलप्रपातों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मानसून के दिनों में चित्रकोट, तीरथगढ़, कुटुमसर समेत कई जलप्रपात अपनी खूबसूरती के कारण पर्यटकों की पहली पसंद बन जाते हैं। बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं और अक्सर सेल्फी या फोटोशूट के लिए पानी के बेहद करीब चले जाते हैं। ऐसे में जरा सी लापरवाही गंभीर हादसे का कारण बन सकती है।
पर्याप्त सुरक्षा की दरकार: पर्यटन विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का कहना है कि इन स्थलों पर सैलानियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतज़ाम जरूरी हैं। सभी जलप्रपातों के खतरनाक हिस्सों पर बेरिकेड्स, चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा जवानों की तैनाती होनी चाहिए, ताकि हादसों पर अंकुश लगाया जा सके।
चित्रकोट जलप्रपात- बस्तर का ’नियाग्रा’ कहे जाने वाले इस जलप्रपात से करीब 75 मीटर ऊंचाई से पानी गिरता है। यह सबसे खूबसूरत लेकिन सबसे खतरनाक स्थान भी है। सुरक्षा की कमी के कारण यह आत्महत्या की घटनाओं के लिए भी चर्चित रहा है।
तामड़ा घूमर जलप्रपात- पर्यटकों की बड़ी भीड़ यहां पहुंचती है, लेकिन सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है।
तीरथगढ़ जलप्रपात- कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान स्थित यह जलप्रपात कई स्टेप्स में गिरते पानी और पथरीले खतरनाक रास्तों के कारण आकर्षक जरूर है, लेकिन यहां भी कई हादसे हो चुके हैं।
अन्य जलप्रपात- चित्रधारा, शिवगंगा, कांगेर धारा, झूलना दरहा, रानी दरहा और भैसा दरहा जैसे बरसाती झरनों पर भी सैकड़ों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। इनमें भी सुरक्षा इंतजाम नदारद हैं।
CG Water Falls: बस्तर जिले के अधिकांश पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम नजर नहीं आते। न तो यहां पर्याप्त बेरिकेड्स और चेतावनी बोर्ड लगे हैं और न ही सुरक्षा बलों की तैनाती होती है। यही वजह है कि हादसों की खबरें अक्सर आती रहती हैं। कई बार लोगों की जान भी जा चुकी है, लेकिन अब तक प्रशासन द्वारा ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
Published on:
20 Aug 2025 02:07 pm
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