
सात धाराओं का रहस्य (Photo source- Patrika)
Satdhar waterfall: छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, झरनों और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। इन्हीं प्राकृतिक धरोहरों में से एक है सातधार वॉटरफॉल, जो दंतेवाड़ा जिले में स्थित है। घने जंगलों के बीच बहती सात अलग-अलग धाराओं वाला यह झरना न केवल मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है, बल्कि अपने रहस्यमयी किस्सों और मान्यताओं के कारण भी चर्चित है।
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्थित सातधार वॉटरफॉल (Satdhar waterfall) सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि रहस्यों और मान्यताओं से जुड़ा प्राकृतिक अजूबा है। सात धाराओं में गिरता यह जलप्रपात मानसून के मौसम में अपने पूरे शबाब पर होता है और आदिवासी संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है।
स्थानीय आदिवासी समुदाय मानता है कि सातधार वॉटरफॉल के पानी में औषधीय गुण हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में ऋषि-मुनि यहाँ तपस्या करते थे। जलधारा को पवित्र माना जाता है और आज भी लोग यहां स्नान करके मनोकामना पूर्ण होने की आस्था रखते हैं।
Satdhar waterfall: सातधार नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह जलप्रपात एक ही स्रोत से निकलकर सात धाराओं में विभाजित होता है। माना जाता है कि हर धारा का अपना अलग महत्व है। बारिश के मौसम में इसका दृश्य इतना मोहक होता है कि यह किसी स्वर्गिक नजारे से कम नहीं लगता।
ग्रामीणों के अनुसार, रात के समय यहां से अनजानी आवाजें सुनाई देती हैं, जिसे वे देवताओं की उपस्थिति मानते हैं। वहीं कुछ लोग मानते हैं कि सात धाराएँ जीवन के सात स्वरूप– शक्ति, समृद्धि, स्वास्थ्य, ज्ञान, शांति, साहस और आस्था– का प्रतीक हैं।
सातधार वॉटरफॉल (Satdhar waterfall) तक पहुंचना रोमांच से भरा है। चारों ओर फैले हरे जंगल, ठंडी हवा और झरने की गूंज पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है। यह जगह प्रकृति प्रेमियों, फोटोग्राफर्स और एडवेंचर ट्रैवलर्स के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं। यह जगह मानसून में अपने चरम सौंदर्य पर होती है।
Satdhar waterfall: सातधार जलप्रपात दंतेवाड़ा से करीब 15-20 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग का उपयोग किया जाता है। इस झरने को देखने का सबसे अच्छा समय जुलाई से अक्टूबर तक का है, जब यह अपने पूरे सौंदर्य के साथ बहता है।
Published on:
18 Jul 2025 04:55 pm
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