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डॉक्टरों ने किया चमत्कार! फेफड़े ने बंद कर दिया था काम….रूक रही थी सांस, फिर ऐसे बचाई बच्चे की जान

Jagdalpur News: यह डॉक्टरों की ही जिद थी कि ढाई साल के मासूम ने गंभीर खतरे को हराया बल्कि अब अपने सामान्य जीवन को भी जी रही है। दरअसल दिमाग में बुखार चढ़ जाने के बाद मरीज की स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है।

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Doctors saved life of CRPF jawan's child

यह टीम जुटी रही

Chhattisgarh News: जगदलपुर। यह डॉक्टरों की ही जिद थी कि ढाई साल के मासूम ने गंभीर खतरे को हराया बल्कि अब अपने सामान्य जीवन को भी जी रही है। दरअसल दिमाग में बुखार चढ़ जाने के बाद मरीज की स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है। लेकिन ऐसे गंभीर मामले में भी डॉक्टरों ने हार नहीं मानी और तीन दिन तक लगातार मरीज का ध्यान रखा।

इसी का नतीजा रहा कि वेंटिलेटर में रहने के बाद भी बच्चे के दिमाग से बुखार उतर चुका है और अब आगामी दो से तीन दिन (CG Hindi News) में उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

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मेकाज अधीक्षक व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनुरूप साहू ने बताया कि सीआरपीएफ कैंप करनपुर में रहने वाले जवान रविन्द्र पॉल के ढाई साल के बेटे शौर्य को अचानक 9 अगस्त को अचानक से बुखार होने के चलते उसे कैंप के ही अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां इंजेक्शन लगाने के बाद भी बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार नही हुआ। तबीयत बिगड़ती चली गई।

लगातार झटके आने के चलते उसे शाम 5 बजे मेकाज में लाकर भर्ती किया गया। बच्चे के आने के बाद पता लगा किया उसके दिमाग में बुखार चढ़ गया था। जिसकी वजह से बच्चे की हालत तेजी से बिगड़ रही थी। गंभीरता को देखते हुए उसे वेंटीलेटर में 24 घंटे के लिए रखा गया। इस (Jagdalpur News) बीच बेहोशी के साथ ही उसका सास भी रूक रहा था।

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फेफड़े ने भी काम करना बंद कर दिया था। लेकिन चिकित्सकों की टीम के द्वारा लगातार जांच के साथ ही उसे मॉनिटरिंग करने के चलते 3 दिन बाद बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हो गया।

यह टीम जुटी रही

इस दौरान एचओडी डाक्टर अनुरूप साहू, डॉ. डीआर मंडावी, डॉ. पुष्पराज, डॉ. मधुराधा, डॉ. बबिता, डॉ. पालाराम मीणा, डॉ. अंबिका, डॉ. हर्ष, डॉ. बलदेव, स्टाफ नर्स में उपासना चंद्रवंशी, नयन कुमारी और कुमारी हेमलता व अन्य लोग शामिल थे।

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