
महिला नक्सली का समर्पण (फोटो सोर्स- पत्रिका)
CG Naxal News: बस्तर संभाग में चल रहे पुनर्वास अभियानों ‘‘पूना मारगेम’’ (नई राह की ओर) और ‘‘लोन वर्राटू’’ (घर वापस आओ) का असर लगातार देखने को मिल रहा है। इसी क्रम में छत्तीसगढ के सीमावर्ती तेलंगाना राज्य के नक्सल संगठन से सक्रिय महिला नक्सली ने गुरुवार को तेलंगाना पुलिस कमिश्नर के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इन्होंने समाज की मुख्यधारा में जुड़ने के लिए यह समर्पण किया।
समर्पित 62 वर्षीय महिला नक्सली काकाराला सुनीता ने समाज की मुख्यधारा में आने के लिए समर्पण किए जाने की बात कही। सुनीता दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी की मेंबर रही है। इसके अलावा अपने हाईस्कूल पढ़ाई के दौरान ही वह नक्सलियों के एजुकेशन डिपार्टमेंट कमेटी में शामिल हो गई थी। तब इसका कार्यक्षेत्र आंध्रप्रदेश का राजमुंद्री था।
बस्तर रेंज के आईजी पी सुंदरराज पहले ही बता चुके हैं कि जनवरी 2024 से अब तक 300 से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं। वर्तमान में बस्तर डिवीजन में महज 400 के करीब ही हथियारबंद नक्सली कैडर बचे हैं। नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी लगभग बिखर चुकी है और मुश्किल से 10-12 सक्रिय कमांडर ही बचे हैं।
पिछले 18 महीनों में ही दंतेवाड़ा जिले में 99 इनामी नक्सलियों समेत कुल 390 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। वहीं, ‘‘लोन वर्राटू’’ अभियान के तहत अब तक 267 इनामी नक्सली समेत कुल 1042 नक्सली समाज की मुख्यधारा में लौट चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नक्सल मुक्त भारत अभियान के तहत की गई इस कार्रवाई को निर्णायक मोड़ माना जा रहा है।
हिंसा का रास्ता छोड़िए, समाज और परिवार की मुख्यधारा से जुड़िए। पुलिस और प्रशासन ने नक्सलवाद से जुड़े अन्य लोगों से भी आत्मसमर्पण कर पुनर्वास योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की है।
Published on:
22 Aug 2025 10:48 am
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