जिसमे दिल भी बहुत महत्वपूर्ण है। ठंड के दिनों में हार्ट अटैक की आशंका बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। आजकल हर आयु वर्ग के लोगों को हार्ट अटैक की खबर मिलती रहती है। डॉ नवीन दुल्हानी के मुताबिक इसके पीछे लोगों की अस्त व्यस्त दिनचर्या और ठंड में धमनियों के सिकुड़ने से धमनियों में खून का प्रवाह कम होने को बताते हैं। ठंड के दिनों में रहन सहन व दिनचर्या में बदलाव कर हार्ट अटैक की संभावना से बचा जा सकता है।
मानसिक तनाव व अवसाद से बचें सर्दियों के मौसम में दिन छोटे होने से कामकाजी लोग अधिक काम के चलते मानसिक तनाव के शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा लोग सर्दियों में ज्यादा चीनी, ट्रांसफैट और सोडियम व ज्यादा कैलोरी वाला भोजन खाने लगते हैं यह मोटापे, दिल के रोगी और हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों के लिए यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है। शरीर के वजन को कंट्रोल में रखने की कोशिश करें। शाकाहारी बनें, हरी सब्जियां, सलाद का सेवन करें।
सर्दी में गर्म कपड़े पहनें ठंड में खून का दौरा (ब्लड सर्कुलेशन) कम हो जाता और इसलिए रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं। इस कारण दिल के मरीजों में हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। हृदय रोगियों के लिए आवश्यक है कि इस मौसम में कुछ बातों का खास ख्याल रखें। गर्म कपड़े पहने व थोड़ा बहुत शारीरिक व्यायाम अवश्य करें। बाहर ठंड ज्यादा होने पर घर के अंदर ही व्यायाम करें।
ठंड में यह रखें सावधानी – ठंड के समय सुबह जल्दी न उठें । – बिस्तर से उठते समय अचानक से खड़े न हों और शरीर को पहले सामान्य स्थिति में आने दें।
– सुबह के समय ज्यादा एक्सरसाइज न करें। – खानपान पर विशेष ध्यान दें, ज्यादा कोलेस्ट्रॉल, शराब या धूम्रपान का सेवन से बचें। – बुजुर्ग या जिन्हें पहले अटैक आ चुका हो वह ज्यादा सावधानी रखें।
– परेशानी आने पर डॉ से सलाह अवश्य लें और दवाइयों का उपयोग करें। सुबह के समय होती है ज्यादा परेशानी डॉक्टरों की माने तो सर्दियों में हार्ट अटैक के लिए सुबह के समय को जादुई घंटे कहते हैं। क्योंकि हार्ट अटैक के मामले सुबह सुबह ज्यादा आते हैं। इसके पीछे वजह यह है कि ठंड के कारण दिल को ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। ऑक्सीजन की पूर्ति और शरीर मे गर्मी बनाये रखने के लिये दिल को ज्यादा काम करना पड़ता है। सुबह ठंड ज्यादा रहती है और लोग कई बार ठंड को गंभीरता से नहीं लेते हैं, लिहाजा वह हार्ट अटैक का शिकार हो सकते हैं।
वजन नियंत्रित रखें
जाड़े के दिनों में खासकर डायबिटीज के मरीजों को वजन पर नियंत्रण रखना आवश्यक होता है। डायबिटीज का फास्टिंग लेबल 110 के नीचे और खाना खाने के बाद का 180 के नीचे रहना चाहिए। डॉ के मुताबिक हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को हार्ट अटैक का खतरा रहता है। ब्रेन हेमरेज का अटैक भी हो सकता है।
शिल्पी संस्था के सुबीर अध्यक्ष और संजीव बने महासचिव जगदलपुर। शिल्पी सांस्कृतिक संस्था की साल 2024 के लिए नई कार्यकारिणी की घोषणा संस्था की वार्षिक बैठक में की गई है। संस्था के अध्यक्ष सुबीर नंदी को लगातार अध्यक्ष बनाए रखने पर सभी सदस्यों ने अपनी सहमति दी है। वहीं संजीव शील को महासचिव के पद के लिए चुना गया है। इसके अलावा सुधीर मंडल व जतिन राय चौधरी को उपाध्यक्ष, हरि माधव दास को कोषाध्यक्ष, मृणपाल मलिक व संजय चंदा को सहसचिव, निवेदिता राय चौधरी को सांस्कृतिक सचिव, दिशान चक्रवर्ती को सांस्कृतिक प्रभारी, अनूप बागची को ग्रंथालय सचिव, जयगोपाल सरकार को क्रीड़ा सचिव, गौतम कुंडु को क्रीड़ा प्रभारी चुना गया है। वहीं दुलाल घोष, शांतनु नाग, सुभाष दास को कार्यकारिणी सदस्य के रुप में शामिल किया गया है। इस संस्था के अंकेक्षक आलोक बेनर्जी व उनके सहयोगी के रुप में जतिन राय चौधरी होंगे।