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झीरम की 10वीं बरसी: न जांच पूरी न साजिश का खुलासा, सीएम आज जगदलपुर में देंगे श्रद्धांजलि

Jagdalpur news: झीरम घटना को लेकर कांग्रेस ने शुरू से सवाल खड़े कर दिए थे। बाद में भूपेश बघेल सरकार ने एसआईटी बनाई उस पर भाजपा ने सवाल खड़े कर दिए।

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Jhiram's 10th death anniversary

file photo

Jhiram valley incident: बस्तर के झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले के एक दशक बाद जगदलपुर के लालबाग स्थित झीरम स्मारक में पहली बार गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,उनके मत्रिमंडल के सहयोगी और आमजन झीरम कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। 25 मई 2013 को घटित यह नक्सली वारदात अब तक देश में किसी राजनीतिक दल पर सबसे बड़ा हमला है।

इस घटना में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नन्द कुमार पटेल और उनके पुत्र,पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल ,महेंद्र कर्मा सहित 27 लोग शहीद हुए थे, घटना के दस वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक न तो इसकी जांच पूरी हुई है और न ही इस (jhiram valley incident) हत्याकांड की साजिश का ही पर्दाफाश हो सका है और तो और इस हमले के मुख्य आरोपी नक्सली भी सुरक्षा बलों की गिरफ्त से अब तक बाहर हैं।

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एनआईए-एसआईटी में उलझी जांच, आयोग की रिपोर्ट भी नहीं आई

झीरम घटना को लेकर कांग्रेस ने शुरू से सवाल खड़े कर दिए थे। बाद में भूपेश बघेल सरकार ने एसआईटी बनाई उस पर भाजपा ने सवाल खड़े कर दिए। बाद में न्यायिक आयोग की रिपोर्ट को सरकार ने अधूरी बताकर आयोग में नए सदस्य लेकर कार्यकाल को आगे बढ़ा दिया। कुल मिलकर झीरम की जांच में सियासत भारी पड़ गई है।

इस बीच बस्तर के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा भी खूब हो रही है कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद भी झीरम का सच सामने नहीं आ पाया। माना यह भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस दौरान हमले की जांच से जुड़ा कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

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झीरम हमले की पूरी जांच एक नजर में

- 13 मई 2013 को झीरम कांड हुआ।
- एक हफ्ते के अंदर न्यायिक आयोग तैयार किया गया।
- इसी बीच सीबीआई की जांच भी खारिज की गई।
- एनआईए ने 88 नक्सलियों की लिप्तता बताई थी।
- 24 सितंबर 2014 को मामले में 9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल।
- 28 सितंबर 2015 को सप्लीमेंट्री चार्जशीट में 30 लोगों को शामिल किया गया।
- 6 नवंबर 2021 को न्यायिक आयोग ने राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपी
- 11 नवंबर 2021 को न्यायिक आयोग में 2 अतिरिक्त लोगों को जोडक़र जांच का दायरा बढ़ाया।

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क्या है झीरम हमला

25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सलियों ने एंबुश लगाया था, जिसमें राज्य के दिग्गज कांग्रेसी नेता शहीद हो गए थे। इसमें तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के अलावा कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल, बस्तर टाइगर कहलाने वाले महेंद्र कर्मा और (Jheeram's 10th death anniversary) उदय मुदलियार समेत 27 लोग शामिल थे। कांग्रेस को शक है कि इस हमले के पीछे किसी तरह का राजनीतिक कनेक्शन जरूर है।

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