
Jagdalpur News: 8 मार्च शुक्रवार को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। इस साल महाशिवरात्रि को बहुत खास माना जा रहा है, क्योंकि लगभग 300 साल बाद महाशिवरात्रि के दिन बहुत ही दुर्लभ संयोग बन रहा है। इसलिए यह पर्व बहुत ही शुभ फल देने वाला माना जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती की वैवाहिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। शिवपुराण के मुताबिक इस दिन विवाहितों को अपने जीवनसाथी के साथ इस दिन विधि विधान से शिवजी की पूजा करने से मनोवांछित फल प्राप्त होती हैं।
महाशिवरात्रि पर दुलर्भ संयोग ज्योतिषाचार्य पं दिनेश दास ने बताया कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धि योग सहित शिव योग का त्रिकोण बन रहा है। महाशिवरात्रि के दिन यह दुर्लभ संयोग लगभग 300 साल बाद बन रहा है । पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन सुबह 4 बजकर 45 मिनट से लेकर पूरे दिन शिव योग रहने वाला है। इसके साथ ही सुबह 6 बजकर 45 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग शुरू हो रहा है, जो 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा।
श्रवण नक्षत्र पर शुभफलदायक
महाशिवरात्रि पर श्रवण नक्षत्र के होने से यह शुभफलदायी बन गया है। श्रवण नक्षत्र का स्वामी शनिदेव को माना गया हैं जो शिवजी के परम भक्त हैं। इसलिए महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र होने से यह व्रत विशेष फलदायी हो गया है।इस दिन शहद से शिवलिंग का अभिषेक करना अत्यंत शुभ होता है। गन्ने के रस से शिव का अभिषेक करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। वैवाहिक सुख समृद्धि के लिये पति-पत्नी एक साथ मिलकर शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएं।
12 शिवरात्रियों में महाशिवरात्रि का विशेष महत्वमहाशिवरात्रि फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। साल भर मनाई जाने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस वर्ष महाशिवरात्रि के दिन प्रदोष व्रत के अलावा इस कई अन्य दुर्लभ योग भी बन रहे हैं। ऐसे में महाशिवरात्रि का व्रत रख पूरे विधि विधान के साथ भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होने वाली हैं।
Published on:
29 Feb 2024 04:47 pm
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