
अडानी इंटरप्राइसेस को बड़ा झटका
जगदलपुर। Chhattisgarh News: एनसीएल (एनएमडीसी और सीएमडीसी की संयुक्त कम्पनी) ने बैलाडीला के डिपॉज़िट 13 में लौह अयस्क उत्खनन को लेकर अडानी इंटरप्राइसेस (Adani Enterprises) से किया गया अनुबंध रद्द कर दिया है। इस निर्णय के बाद अब बैलाडीला की नंदराज पहाड़ी अडानी के बंधन से मुक्त हो गई है। इसका आदेश एनसीएल ने 28 अगस्त 2023 को जारी कर दिया है। लेकिन इस मामले का इतने दिन बाद खुलासा हो पाया है।
नियम और शर्तों के उल्लंघन का आरोप
एनसीएल (NCL) के सीईओ पद्मनाभ नाईक वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अडानी इंटरप्राइसेस ने अनुबंध की नियमों एवं शर्तो का उल्लंघन किया है। काफी समय होने के बाद भी कंपनी ने खनन कार्य शुरू नहीं किया।इस कारण 11 जुलाई 2023 को अडानी कंपनी को शोकॉज नोटिस जारी कर कहा गया था कि क्यों न आपका अनुबंध रद्द कर दिया जाए।
कंपनी ने आर्बिट्रेशन में की अपील : अडानी समूह के सूत्रों के मुताबिक सीईओ के आदेश के खिलाफ अडानी समूह आर्बिट्रेशन में गया है। इस आदेश को एकतरफा मानकर अपील की गई है। उनका मानना है कि अडानी समूह इस परियोजना में 100 करोड़ से अधिक की (Adani Enterprises) राशि खर्च कर चुका है। एनसीएल ने अनुबंध के मुताबिक क्वारी, फारेस्ट क्लीयरेंस सड़क आदि बनाने की औपचारिकताएं पूरी नहीं कीं। जिसके कारण काम शुरू नहीं हो सका।
ठेका मिलते ही शुरू हो गया था विरोध
गौरतलब है कि बैलाडीला के डिपॉज़िट 13 की लीज एनसीएल के नाम पर है 7 एनसीएल के पास संसाधनों की कमी होने के कारण यहां से लौह अयस्क के उत्खनन एवं डंपयार्ड तक परिवहन का ठेका अडानी की कम्पनी को दिया था। इस संबंध में एनसीएल और अडानी इंटरप्राइसेस (Excavation contract of Adani Enterprises canceled) के मध्य 6 दिसंबर 2018 को अनुबंध हुआ था इसकी जानकारी मिलने के बाद बस्तर में इसका विरोध शुरू हो गया। इस कारण डिपॉज़िट 13 से उत्पादन प्रारम्भ नहीं जो पाया था।
Published on:
28 Sept 2023 02:43 pm
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