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लगातार सड़क हादसे! 3 दिन में दूसरा झटका, बस की टक्कर से बाइक सवार की मौत

Road Accident: तेज रफ्तार बस आम लोगों की जान की बनी दुश्मन, आरटीओ विभाग का नहीं बस ऑपरेटरों पर नहीं रहा कोई कंट्रोल।

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महेन्द्रा बस की टक्कर से बाइक सवार की मौत (Photo source- Patrika)

महेन्द्रा बस की टक्कर से बाइक सवार की मौत (Photo source- Patrika)

Road Accident: नेशनल हाइवे-30 पर बुधवार की शाम हुए भीषण सड़क हादसे में एक बाइक सवार युवक की मौत हो गई। यह दुर्घटना उस समय हुई जब रायपुर से यात्रियों को लेकर जगदलपुर आ रही तेज रफ्तार महेन्द्रा बस (क्रमांक सीजी 04 एमजेड 3690) ने सामने चल रही बाइक (क्रमांक सीजी 17 केजी 7294) को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार युवक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

Road Accident: सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस

घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के कुदालगांव के पास हुई। टक्कर इतनी भीषण थी कि आसपास के लोग दहशत में आ गए। दुर्घटना के बाद बस में सवार यात्री घबरा कर बस से उतरकर भागने लगे। वहीं, चालक और परिचालक बस छोड़कर फरार हो गए। हादसे के कारण कुछ समय के लिए हाइवे पर यातायात बाधित रहा।

घटना की जानकारी मिलते ही कोतवाली पुलिस और यातायात पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया। मृतक युवक की पहचान की जा रही है। वहीं, फरार चालक व परिचालक की तलाश में पुलिस द्वारा सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

तीन दिन में दूसरा हादसा

बस्तर अंचल में यह तीन दिन के भीतर दूसरा बड़ा बस हादसा है। इससे पहले एक यात्री बस पेट्रोल पंप के पास खड़ी ट्रक से जा भिड़ी थी, जिसमें बस चालक और परिचालक की मौके पर ही मौत हो गई थी। लगातार हो रही घटनाओं से यात्रियों में भय और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

जांच जारी, जल्द गिरफ्तारी का दावा

Road Accident: कोतवाली पुलिस ने मामले में धारा 304ए के तहत अपराध दर्ज कर लिया है और बस मालिक से संपर्क कर चालक की पहचान सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा। सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोत्तरी को देखते हुए हाल ही में जिला प्रशासन और बस्तर पुलिस द्वारा यात्री बस चालकों की बैठक आयोजित की गई थी।

इसमें विशेष रूप से बाहरी जिलों से आने वाली बसों के चालकों की जांच, शराब सेवन पर रोक, फिटनेस और ट्रैफिक नियमों के पालन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। बावजूद इसके, बैठक के अगले ही दिन यह हादसा होने से इन प्रयासों की प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं। तेज रफ्तार बस आम लोगों की जान की बनी दुश्मन, आरटीओ विभाग का नहीं बस ऑपरेटरों पर नहीं रहा कोई कंट्रोल।