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ASP Akash Rao Giripunje: बस्तर संभाग के सबसे अंतिम छोर से स्थित कोंटा से सोमवार सुबह एक बड़ी खबर आई। यह खबर कोंटा एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे के शहीद होने की थी। बता दें कि नक्सलियों ने कोंटा-एर्राबोर मार्ग पर स्थित डोंडरा इलाके में चल रहे एक गिट्टी खदान में रविवार रात जेसीबी में आग लगा दी थी। इसके बाद ही मौके के लिए एक पुलिस पार्टी रवाना हुई थी। पार्टी को एएसपी ही लीड कर रहे थे।
बताया जा रहा है कि वे आगे चल रहे थे और बाकी जवान पीछे थे। जब एएसपी आकाश जेसीबी के करीब पहुंचे उसी वक्त आईईडी ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट में उनके शरीर का निचला हिस्सा बुरी तरह जख्मी हो गया और वे वहीं गिर पड़े। उनके पीछे मौजूद कोंटा एसडीओपी भानुप्रताप चंद्राकर और टीआई सोनल ग्वाल भी जख्मी हो गए। तीनों को कोंटा अस्पताल ले जाया गया जहां एएसपी आकाश राव को मृत घोषित कर दिया गया। घायल दोनों अफसर फिलहाल रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती हैं और दोनों ही हालत सामान्य बताई जा रही है। पिछले 16 साल में पुलिस के किसी बड़े अफसर की शहादत का यह पहला मामला है।
इससे पहले साल 2009 में राजनांदगांव के मदनवाड़ा में हुए नक्सल हमले में एसपी विनोद चौबे शहीद हुए थे। बस्तर में यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब नक्सली पूरी तरह से बैकफुट पर हैं। बता दें कि 10 जून (मंगलवार) को नक्सलियों ने भारत का आह्वान किया है। इस हमले को दहशत फैलाने से जोड़कर देखा जा रहा है। राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय नक्सली हमले में शहीद एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे की शहादत पर गहरा शोक जताया है।
बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाके में जब भी नक्सली किसी वाहन को आग लगाते हैं या किसी ग्रामीण की हत्या कर शव को सडक़ पर फेंक देते हैं तो पुलिस पार्टी मौके पर जाती है। इस बार भी यही हुआ, नक्सलियों को पता था कि पुलिस टीम आएगी और इसी वजह से उन्होंने गिट्टी खदान में जेसीबी के ठीक सामने आईईडी प्लांट कर रखी थी। एएसपी आकाश राव का पैर सबसे पहले आईईडी पर पड़ा और धमाका हो गया। बताया गया कि धमाका इतना जबरदस्त था कि चार किमी दूर तक इसकी गूंज सुनाई दी।
एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे 2024 से कोंटा में पदस्थ थे। वे बेहद मिलनसार अफसर थे। उन्हें कोंटा अस्पताल में जैसे ही मृत घोषित किया गया। वहां मौजूद उनके मातहत जवान बिलख उठे। उनके शव को जब रायपुर रवाना किया जा रहा था तब भी हेलीपैड पर जवानों की आंखें नम थी। इस दौरान सभी के चेहरे में नक्सलवाद के खिलाफ गुस्से का भी भाव था। सभी जवान शहीद अफसर के सम्मान में जयकारे लगा रहे थे।
सुकमा के कोंटा में शहीद हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव गिरिपुंजे को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनकी शहादत को नमन करते हैं, यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। छत्तीसगढ़ से नक्सलियों का अस्तित्व ही मिटा देंगे। उनके खात्मे के दिन नजदीक आ गए हैं। - विष्णुदेव साय
रायपुर निवासी 42 वर्षीय आकाश राव गिरिपुंजे का जन्म रायपुर में 7 फरवरी 1983 को हुआ था। साल 2013 में उनका चयन पीएसपी के जरिए पुलिस अधिकारी के तौर पर हुआ। उनके घर में पिता गोविंद राव गिरिपुंजे, माता मंदा गिरिपुंजे, पत्नी स्नेहा, बेटे सिद्धांत और बेटी का पीहू हैं। सेवाकाल में उनकी तैनाती पुलिस अकादमी चंदखुरी, रायपुर, कांकेर समेत कई जिलों में रही। मानपुर, मोहला, दुर्ग, रायपुर, महासमुंद और वर्तमान में सुकमा के कोंटा में रही।
शांतिवार्ता की बात करने वाले नक्सलियों का क्रूर और असल चेहरा अब सामने आ चुका है। अब उनसे कोई बातचीत नहीं होगी।
सुकमा की घटना के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपना राजनांदगांव का दौरा स्थगित कर मंत्रालय में गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हाई लेवल बैठक की। सीएम ने सुकमा जिले के कोंटा में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट के विषय में अधिकारियों से जानकारी ली और नक्सल ऑपरेशन्स की समीक्षा की।
उन्होंने घायल जवानों को त्वरित रूप से समुचित इलाज कराने के निर्देश दिए। इससे पहले सीएम ने राजधानी के अस्पताल पहुंचकर नक्सल घटना में घायल जवानों से मुलाकात की। इसके बाद वे शहीद एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे के रायपुर स्थित निवास पहुंचे। वहा शहीद के पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
Published on:
10 Jun 2025 07:31 am
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