
डाक दिवस विशेष (Photo source- Patrika)
World Post Day: 21वीं सदी की तेज रफ्तार और डिजिटल युग में भी डाक विभाग ने ग्रामीण भारत में अपनी प्रासंगिकता को बनाए रखा है। बस्तर जैसे माओवाद प्रभावित और दुर्गम अंचलों में डाक विभाग ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपनी सेवाओं को निर्बाध रूप से जारी रखा है। जहां शहरी क्षेत्रों में लोग संदेश भेजने के लिए ई-मेल, व्हाट्सएप और अन्य डिजिटल माध्यमों का सहारा ले रहे हैं।
वहीं अब भी नेटवर्कविहीन और दुर्गम गांवों में पत्र, मनीऑर्डर और जरूरी दस्तावेज पहुंचाने में डाक विभाग ही लोगों का सबसे भरोसेमंद माध्यम है। पहले जहां डाकिया साइकिल पर चिट्ठियां लेकर गांव-गांव पहुंचता था, वहीं आज वह मोटरसाइकिल पर आधुनिक तकनीक के साथ स्पीड पोस्ट, बीमा, बैंकिंग, आधार एटीएम और मोबाइल एटीएम जैसी सेवाएं प्रदान कर रहा है।
त्योहारों के सीजन में आज भी डाक विभाग की विश्वसनीयता बरकरार है। राखी, दिवाली और अन्य अवसरों पर पार्सल और मनीऑर्डर की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। यहां तक कि अधिकांश सरकारी और विभागीय भर्तियों के आवेदन अब भी डाक माध्यम से ही भेजे जाते हैं, जो इसकी प्रासंगिकता को साबित करता है।
World Post Day: बढ़ती मांग और सेवाओं की आवश्यकता को देखते हुए डाक विभाग ने अब हर तीन किलोमीटर के अंतराल पर नया डाकघर खोलने की योजना बनाई है। वर्तमान में बस्तर जिले में लगभग 1500 डाकघर कार्यरत हैं, जिनके माध्यम से पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरह की सेवाएं लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं।
Updated on:
10 Oct 2025 10:46 am
Published on:
10 Oct 2025 10:45 am
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