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मानसून के मेघ बरसने से होगी आस पूरी, राजस्थान के 725 में से 435 बांध खाली

सीएम के गृह जिले जोधपुर में 123 बांधों में महज 1.6 प्रतिशत पानी शेष, बीसलपुर में फिलहाल 1.53 टीएमसी पानी शेष

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जयपुर

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MOHIT SHARMA

Jun 17, 2022

प्रदेश के 725 में 435 बांध खाली

प्रदेश के 725 में 435 बांध खाली

जयपुर. देश में मानसून की शुरुआत के साथ ही मेघ बरसने का सिलसिला शुरू हो चुका है। इस बीच राजस्थान में प्री-मानसून की बारिश से आमजन को गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। वहीं अब तक पड़ी भीषण गर्मी में प्रदेश के 400 से ज्यादा बांध खाली हालात में है। जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अधिकतर बांधों में पानी की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। हाल ही मौसम विभाग की ओर से यह आंकलन किया है कि राजस्थान में सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार है। भीषण गर्मी के कारण चंद महीनों मे ही करीब चालीस प्रतिशत से ज्यादा बांध खाली हो चुके हैं। खास बात है कि सीएम अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में बांधों की स्थिति सबसे खराब है। जयपुर संभाग में 261 बांध हैं, जिनकी पूर्ण भराव क्षमता 2671.12 एमक्यूएम है। इस साल जून में 15 फीसदी पानी शेष है।

ये हैं हालात
—प्रदेश में बड़े और छोटे कुल 725 बांध
—वर्तमान में 435 खाली हालात में
—उक्त बांधों की कुल भराव क्षमता 865.25 एमक्यूएम
—साल 2021 में करीब 336 बांध हुए खाली
—सभी संभागों के बाधों की कुल क्षमता — 12626.32 एमक्यूएम
—वतर्मान में 36.34 प्रतिशत पानी शेष

जोधपुर के हालात भी खराब
वर्ष 2020 में प्रदेश में अच्छी बारिश हुई, इससे अधिकतर बांध लबालब हो हो गए थे। जोधपुर संभाग में 123 बांधों को मिलाकर कुलभराव क्षमता का मात्र 1.6 प्रतिशत पानी ही बचा है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक इस बार भी जोधपुर सहित आसपास की जगहों पर कम बारिश होने का अनुमान है, यदि इस मानसून में जोधपुर संभाग में अच्छी बारिश नहीं होती है तो सूखे के हालात पैदा हो जाएंगे।

बीसलपुर बांध के गेट का रखरखाव कार्य शुरू
इस साल भी सरकार की ओर से रामगढ़ सहित अन्य जगहों पर पुराने बांधों में पानी की आवक को लेकर को योजना नहीं बनाई गई। इस बीच बारिश के सीजन में जितनी तेजी से बांध लबालब होते हैं उतनी ही जल्दी खाली भी हो रहे हैं। जयपुर सहित अन्य जिलों के लिए पेयजल की लाइफलाइन कहे जाने वाले डेम का लेवल कुल 309.17 आरएल मीटर है, वहीं शुक्रवार सुबह तक 1.53 टीएमसी पानी शेष है। इससे आसानी से अक्टूबर तक पानी की आवक की जा सकती है। सहायक अभियंताओं के मुताबिक हालांकि बारिश होने से पानी में वृद्धि हो सकेगी। बांध परियोजना की ओर से मानसून सत्र शुरू होने के साथ ही बांध के गेट के रखरखाव को लेकर आयल ग्रीस का कार्य अंतिम चरण में है।