सुरेश जैन
राजस्थान में पांच हजार से अधिक खदानों के खनन पट्टे खतरे में हैं। सरकार ने निरस्ति के लिए ऐसे खनन पट्टों का चयन किया है, जिनमें दो वर्ष से अधिक समय में न तो खनन हुआ और न ही किसी मिनरल का परिवहन हुआ है। इन्ही खनन पट्टों को निरस्त करने के प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं।
विभाग ने ऐसे खान मालिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। नोटिस के तीन माह बाद सरकार पट्टे रद्द कर देगी। यह नियम इसलिए बनाया गया ताकि खनन पट्टों का उपयोग सही तरीके से हो और दुरुपयोग न हो सके। नई खनिज नीति के अनुसार यदि कोई खान पट्टाधारक खनन शुरू होने के बाद लगातार दो वर्षों तक खनिज का दोहन या परिवहन या रवन्ना का उपयोग नहीं करता है, तो उसका पट्टा लैप्स कर दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने सभी खनिज अभियंताओं को ऐसे खनन पट्टों का चयन कर नोटिस जारी करने को कहा है।
खनिज विभागीय ऑनलाइन पोर्टल व पट्टेधारी की ओर से पेश किए वार्षिक रिटर्न के आधार पर यह बात सामने आई कि खनन पट्टा में विगत दो वर्ष से अधिक समय से खनन उत्पादन तथा निर्गमन नहीं किया जा रहा। इसके आधार पर खनिज परमाणु और हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों के अलावा रियायत नियम, 2016 के अध्याय 7 के नियम 20 का उल्लंघन है।
भीलवाड़ा खनिज विभाग के अधीन आने वाले भीलवाड़ा, रायपुर, हमीरगढ़, कोटड़ी, मांडल, आसींद, हुरड़ा, गुलाबपुरा, शाहपुरा, जहाजपुर क्षेत्र में 560 से अधिक खदानें हैं। ये सभी दो साल से बंद हैं। इस कारण सरकार को न तो डेंट रेंट मिल रहा है और न किसी मिनरल की रॉयल्टी मिल रही। 50 खदान संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर पट्टा रद्द होगा।
मुख्यालय से मिले निर्देश के तहत पोर्टल के आधार पर दो वर्ष से बंद पड़े खनन पट्टों को लैप्स करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर भेज रहे हैं। भीलवाड़ा में अब तक 50 प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं।
-विजयशंकर जयपाल, खनि अभियंता, भीलवाड़ा
Published on:
22 Jun 2025 09:12 am