शिक्षक दुर्गाशंकर मीणा ने बताया कि विद्यालय में वर्ष 2016-17 में आठ का, वर्ष 2017-18 में 6 व वर्ष 2018-19 में चार बच्चों का नामांकन था। इस वर्ष चारों बच्चों की अभिभावक टीसी कटाकर ले गए, जिससे नामांकन शून्य हो गया। इसकी रिपोर्ट विभाग को भी भेज रखी है।
वर्ष 2016 में ही विद्यालय को मर्ज कराने के प्रस्ताव भेज रखे थे, लेकिन विभाग द्वारा विद्यालय मर्ज ही नही किया गया। इनका कहना है
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के प्रस्तावों पर 15 से कम नामांकन वाले स्कूलों को मर्ज करा दिया। यह स्कूल मर्ज होने से कैसे रह गया, इसकी जांच कराई जाएगी।
– उदालाल मेघवाल, कार्यवाहक जिला शिक्षा अधिकारी, बूंदी