अब वैसा नहीं रहा हवाई सफर का अनुभव
पहले यात्री एयरलाइंस के काउंटर, टेक्स्ट मैसेज या एयरपोर्ट घोषणाओं पर निर्भर रहते थे। अब वे घर से निकलने से पहले ही ऐप्स के ज़रिए फ्लाइट की वास्तविक स्थिति जान सकते हैं। ये ऐप्स बुकिंग, वेब चेक-इन, बोर्डिंग पास डाउनलोड जैसी सुविधाएं भी देते हैं, जिससे यात्रा और सहज हो गई है। दुनियाभर की फ्लाइट्स की लाइव ट्रैकिंग संभव
कुछ उन्नत मोबाइल ऐप्स से दुनियाभर की फ्लाइट्स को लाइव ट्रैक किया जा सकता है। ये न केवल फ्लाइट की स्थिति बताते हैं, बल्कि उसकी स्पीड, ऊंचाई और रूट की भी जानकारी देते हैं। इतना ही नहीं, कुछ एयरलाइंस ने बैगेज ट्रैकिंग सिस्टम भी शुरू किया है, जिसमें बैगेज टैग पर लगे बारकोड को स्कैन कर यात्री अपने बैग की रियल-टाइम लोकेशन देख सकते हैं।
साइलेंट एयरपोर्ट्स पर बने सहायक
जयपुर, मुंबई, बेंगलुरु, कोचीन, चेन्नई जैसे साइलेंट एयरपोर्ट्स पर, जहां कोई पब्लिक अनाउंसमेंट नहीं होता, वहां ये ऐप्स यात्रियों के लिए और भी फायदेमंद साबित हो रहे हैं। मोबाइल अलर्ट्स, डिजिटल डिस्प्ले, एयरलाइंस के ऑफिशियल पेज व वेबसाइट्स की मदद से यात्रियों को समय रहते पूरी जानकारी मिल रही है।
डिजिटल सुविधा के साथ सतर्कता भी जरूरी
एविएशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि डिजिटल टेक्नोलॉजी ने हवाई यात्रा को बेहद सुविधाजनक और पारदर्शी बना दिया है। हालांकि यात्रियों को चाहिए कि वे इन ऐप्स का इस्तेमाल करते समय अपनी निजी जानकारी की सुरक्षा का ध्यान रखें। अधिकांश ऐप्स डेटा एन्क्रिप्शन और प्राइवेसी पॉलिसी का पालन करते हैं, फिर भी सतर्क रहना जरूरी है।