
,Agriculture Department New order
खेती के लिए कीटनाशक दवा की दुकान खोलने के लिए अब कृषि का डिप्लोमा करने के साथ कृषि विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। इसके बिना कीटनाशक दवा नहीं बेच पाएंगे। किसानों की खरीफ व रबी फसलों को रोग से बचाने को इस्तेमाल होने वाली दवा को लेकर अलर्ट जारी किया है। अब ऐसे दवा विक्रेताओं को भी फसलों में कीट एवं व्याधियों का प्रकोप बचाने के लिए विभागीय कोर्स करना अनिवार्य होगा। क्षेत्र में खरीफ व रबी में बुवाई की जाने वाली विभिन्न फसलों में मौसम के अनुकूल नहीं रहने से कीट व व्याधियों का प्रकोप बना रहता है। पौधों की जड़ों में दीमक तो पत्तियों में लट या सरसों की फलियों में चेंपा, लीफ माइनर सहित फसलों में कई प्रकार के कीट लग जाते हैं। जिससे फसलों के बचाव के लिए कीटनाशक दवाएं छिड़की जाती हैं। इन दवाओं को बेचने के लिए संबंधित डिप्लोमा व लाइसेंस की जरूरत होगी।
ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ विभाग करेगा कार्रवाई
कई लोग बिना लाइसेंस व डिप्लोमा के कीटनाशक बेचने की दुकान खोल लेते हैं। लेकिन अब ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ विभाग कार्रवाई करेगा। उल्लेखनीय है कि बिना जानकारी के कीटनाशक दवा बेचने पर कई बार किसानों को गलत दवा दे दी जाती है। जिससे उसका गलत प्रभाव पड़ने से खेती में नुकसान हो जाता है वहीं पशुओं व किसानों के संपर्क में आने से उनकी जान को भी खतरा रहता है। इन दवाओं का असर लंबे समय तक बना रहता है।
यह भी पढ़ें - Video : वसुंधरा राजे ने नए CM भजनलाल शर्मा के सिर पर क्यों रखा हाथ, जानें बड़ी वजह
किसान लक्षणों के आधार पर खरीदते हैं दवा ...
अधिकतर किसान सीधे ही खुदरा विक्रेताओं से सम्पर्क कर फसल पर कीट एवं व्याधियों के लक्षणों के आधार पर दवा खरीदते हैं। परन्तु खुदरा विक्रेताओं की ओर से कभी-कभी सही जानकारी के अभाव में वांछित दवा कृषकों को उपलब्ध नहीं करा पाते हैं। ऐसे में सही दवाओं की बिक्री के लिए प्रशिक्षण प्राप्त व अनुभवी लोग ही कीटनाशक दवाओं की दुकान खोल सकेंगे। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कीटनाशक दवा बेचने के लिए दुकानदार को इससे संबंधित कोर्स करना अनिवार्य होगा। सभी दुकानदारों को कृषि विभाग की ओर से डिप्लोमा करना जरूरी है। अन्यथा दुकानदार का लाइसेंस निलंबित हो जाएगा।
कोर्स के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य
ग्राम सेवा सहकारी समितियां में एवं निजी दुकानों पर भी खाद विक्रेताओं की ओर से दवा का विक्रय किया जाता है। अब सभी को इसके लिए डिप्लोमा कोर्स करना होगा। राष्ट्रीय पादप स्वास्थ्य प्रबन्ध संस्थान हैदराबाद की ओर से सभी खुदरा विक्रेताओं व वितरकों जिनकी ओर से भारत सरकार के गजट राजपत्र के अनुसार शैक्षणिक अहर्ता नहीं है। उन सभी खुदरा विक्रेताओं, वितरकों को व्यवसाय जारी रखने के लिए पादप प्रबन्धन पर 12 सप्ताह का सर्टिफिकेट कोर्स 31 जनवरी 2024 तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है अन्यथा उनका अनुज्ञापत्र वैद्य नहीं माना जाएगा।जनवरी- 2024 के बाद केवल निर्धारित योग्यताधारी कीटनाशी रसायन विक्रेता ही कीटनाशी रसायनों का व्यापार कर सकेंगे।
यह भी पढ़ें - Rajasthan : आपूर्ति विभाग की जमाखोरों को चेतावनी,स्टॉक सीमा से अधिक गेहूं रखा तो होगी कार्रवाई
Published on:
16 Dec 2023 02:05 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
