
CJI Bhushan Ramkrishna Gavai (Photo: ANI)
जयपुर। भारत के प्रधान न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई सहित सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीश परिवार सहित 3 दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को सप्ताहांत (वीकेण्ड) पर रणथम्भौर आ रहे हैं और रविवार को लौट जाएंगे। वैसे इसे निजी यात्रा बताया जा रहा है, लेकिन इस दाैरान न्यायपालिका से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चिंतन की पूरी संभावना है।
शीर्ष न्यायाधीशों के एक साथ राजस्थान आने का यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है। हालांकि यात्रा के शेड्यूल का प्रशासन इंतजार कर रहा है, लेकिन यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इससे पहले जनवरी में आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम में इसी तरह सुप्रीम कोर्ट के 25 न्यायाधीश भ्रमण के लिए पहुंचे थे। वर्तमान में सीजेआइ सहित सुप्रीम कोर्ट में 34 न्यायाधीश हैं। अभी तक सभी के रणथम्भौर आने की जानकारी है।
शीर्ष न्यायाधीशों की इस यात्रा को लेकर उच्च स्तर से अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि यात्रा के लिए पूर्ण सहयोग दिया जाए। निजी यात्रा होने के कारण इसके बारे में गोपनीयता बरती जा रही है।
मुद्दा-राजस्थान क्षेत्रफल और आबादी में दूसरे राज्यों से आगे है, लेकिन यहां हाईकोर्ट में न्यायाधीशों के पद 50 ही हैं।
आवश्यकता- हाईकोर्ट में साढ़े छह लाख से अधिक मामले लंबित हैं, जिनमें न्यायाधीश बढ़ने के बाद ही कमी आ सकती है। करीब 20 वर्ष पहले हाईकोर्ट न्यायाधीशों के पद 40 से बढ़ाकर 50 किए गए, जबकि लंबित मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
मुद्दा- हाईकोर्ट में न्यायाधीशों के पूरे 50 पद भर जाएं तो उनके बैठने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं हैं।
आवश्यकता- सरकार और न्यायपालिका दोनों को जोधपुर व जयपुर में हाईकोर्ट भवन के विस्तार की तैयारी शुरू करनी होगी।
मुद्दा- दूसरे कई राज्यों के सुप्रीम कोर्ट में तीन-तीन न्यायाधीश हैं, ऐसे में राजस्थान का भी प्रतिनिधित्व बढ़े।
आवश्यकता- सुप्रीम कोर्ट में आने वाले दिनों में राजस्थान का प्रतिनिधित्व बढ़े। राजस्थान हाईकोर्ट मूल के हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीशों की संख्या भी बढ़ाई जाए।
Published on:
08 Sept 2025 09:07 am
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