
अक्टूबर 2013 के बाद शहीद हुए 92 जवान, स्मारक पर लिखा नहीं गया एक का भी नाम
देवेंद्र सिंह राठौड़ / जयपुर. जनपथ स्थित अमर जवान ज्योति स्मारक ( amar jawan jyoti jaipur ) रोजाना डेढ़ हजार से अधिक लोगों को देश के जवानों के पराक्रम और कुर्बानी की दास्तां से रूबरू कराता है। लेकिन खुद स्मारक का दर्द सुनने वाला कोई नहीं है। यहां 6 साल में एक भी शहीद का नाम नहीं लिखा गया है।
Amar Jawan Jyoti Jaipur History
यह स्मारक वर्ष 2005 में शुरू किया गया था। यहां 8 बोर्ड बनाए गए, जिनमें से 7 पर प्रदेश के शहीद जवानों के नाम लिखे गए। जनवरी 1915 से अक्टूबर 2013 तक शहीद हुए 2055 जवानों के नाम तो लिखे गए लेकिन उसके बाद एक भी शहीद का नाम नहीं लिखा गया। छह साल में सैनिक कल्याण बोर्ड और जेडीए का इस ओर ध्यान ही नहीं गया जबकि उक्त अवधि में लगभग 92 जवान शहीद हुए हैं।
सेवानिवृत्त कैप्टन लियाकत अली का कहना है कि यहां लिखे गए नामों में प्रथम विश्व युद्ध ( First world war ) व हैफा युद्ध में शहीद हुए जवानों के नाम नहीं हैं। चार साल में सैनिक कल्याण बोर्ड से लेकर मंत्रियों तक कई बार गुहार लगाई लेकिन सुनवाई नहीं हुई। यहां लिखे कुछ नामों में त्रुटियां भी हैं लेकिन सुधार नहीं किया जा रहा।
मूलभूत सुविधाएं भी नहीं
स्मारक पर आने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं। शौचालय नहीं है, जिससे महिलाएं-बच्चे परेशान होते हैं। पीने के पानी का इंतजाम भी नहीं है। इन सुविधाओं के लिए तैनात सुरक्षा गार्ड भी स्मारक के सामने बने सरकारी कार्यालयों पर निर्भर हैं। म्यूजियम के बरामदे में लगी लाइटें खराब पड़ी हैं।
ये है इनका कहना
जेडीए को डेटा भेजकर नाम लिखवाए जाएंगे। प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए जवानों का डेटा जुटाने के भी प्रयास किए जाएंगे।
- ब्रिगेडियर कर्णसिंह राठौड़, निदेशक, सैनिक कल्याण बोर्ड
मुझे इसकी जानकारी नहीं है। पता कराकर ही कुछ कह पाऊंगी।
- डॉ. प्रिया बलराम शर्मा, डिप्टी कमिश्नर, जोन-3
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Updated on:
24 Apr 2019 04:32 pm
Published on:
24 Apr 2019 04:11 pm
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