29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान: ‘नुक्सान’ से अब किसानों को मिलेगी राहत, जानें गहलोत सरकार ने क्या उठाया कदम?

मुख्यमंत्री ने ओलावृष्टि प्रभावित किसानों को कृषि आदान-अनुदान देने के लिए अधिसूचना को मंजूरी दी, रबी फसल 2020-21 में 11 जिलों के 85 गांव अभावग्रस्त घोेषित

2 min read
Google source verification
ashok_gehlot1.jpg

जयपुर।

रबी फसल वर्ष 2020-21 में ओलावृष्टि से 33 प्रतिशत या उससे अधिक फसल खराबा होने की गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने प्रदेश के 11 जिलों के 85 गांवों को अभावग्रस्त घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खराबे से प्रभावित इन 85 गांवों को अधिसूचित कर प्रभावित किसानों को कृषि आदान-अनुदान देने के लिए जारी की जाने वाली अधिसूचना के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया है।

गिरदावरी रिपोर्ट बना आधार

राज्य सरकार ने रबी फसल वर्ष 2020-21 में ओलावृष्टि से फसलों में खराबे की गिरदावरी के निर्देश दिए थे। जिला कलेक्टरों से प्राप्त नियमित एवं विशेष गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर झुंझुनूं जिले के 28, हनुमानगढ़ के 19, भरतपुर के 9, कोटा के 8, सवाईमाधोपुर के 6, टोंक एवं बीकानेर के 4-4, चूरू, चित्तौड़गढ़ एवं बाड़मेर के 2-2 तथा अलवर जिले के एक गांव को अभावग्रस्त घोषित किया गया है।

इधर, भाजपा बोली, '100 प्रतिशत खराबा घोषित करे सरकार'

हाड़ौती में बाढ़ से हुए नुकसान को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां को रिपोर्ट मिल गई है। पार्टी की ओर से गठित कमेटी ने राज्य सरकार से 100 प्रतिशत खराबा घोषित करने के साथ ही बारिश से मरने वाले लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने की मांग की है।

जनवरी में भी 48 ग्राम थे अभावग्रस्त
राज्य सरकार ने इसी साल जनवरी माह में भी एक अधिसूचना जारी करते हुए प्रदेश के तीन जिलों के 48 ग्रामों को अभावग्रस्त घोषित किया था। जिला कलेक्टरों से प्राप्त सूचना के आधार पर खरीफ फसल 2020 में ओलावृष्टि एवं कीट आक्रमण (टिड्डी) से फसलों को हुए नुकसान को देखते हुए तब यह निर्णय लिया गया था।

तब गंगानगर जिले के 20 ग्राम ओलावृष्टि से और बीकानेर जिले के 18, राजसमंद जिले के 10 ग्राम कीट आक्रमण (टिड्डी) से फसलों को हुए नुकसान के कारण अभावग्रस्त घोषित किये गए थे। अभावग्रस्त ग्रामों में का प्रावधान 31 मार्च तक लागू रहा।

जनवरी से एक महीने पहले ही यानी दिसंबर 2020 को राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर प्रदेश के 4 जिलाें के 74 ग्रामों को भी अभावग्रस्त घोषित किया था। तब जयपुर जिले के 60, झुंझुनू जिले के 3 और सवाईमाधोपुर जिले के 6 ग्राम ओलावृष्टि से और प्रतापगढ़ जिले की धरियावद तहसील के देवला, उल्टन अम्बाव धोलीमंगरी एवं अन्तारेल ग्रामों में कीट आक्रमण (टिड्डी) से फसलों को हुए नुकसान के कारण अभावग्रत घोषित किये गए थे।