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राजस्थान में महिला CM के राज में छोटी-छोटी बच्चियां और महिलाएं असुरक्षित: गहलोत

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vasundhara raje ashok gehlot

जयपुर।

राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर ज़बानी हल्लाबोल लगातार जारी है। गहलोत की ताज़ा प्रतिक्रिया प्रदेश में बच्चियों और महिलाओं से हो रही दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर आई है। दरिंदगी की लगातार बढ़ रही घटनाओं पर चिंता ज़ाहिर करते हुए पूर्व सीएम ने मौजूदा सीएम को निशाने पर लिया है।

गहलोत ने एक ट्वीट करते हुए लिखा है, 'प्रदेश में महिला सीएम के राज में छोटी बच्चियां और महिलाएं असुरक्षित हैं, जो बेहद दुखद है। वो महिला सशक्तिकरण की कई बातें करतीं हैं लेकिन सच्चाई ये है कि महिलाएं खुद को असुरक्षित समझती हैं।''


ये कोई पहली बार नहीं है जब पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने सीएम राजे पर महिला सुरक्षा को लेकर निशाना साधा हो। वे कई बार इस बात पर अपनी तीखी प्रतिक्रया दे चुके हैं। राजस्थान पुलिस की तिमाही रिपोर्ट में आंकड़े सामने आने के बाद भी गहलोत ने सीएम राजे की कार्यशैली पर सवाल खड़े किये थे। रिपोर्ट के आधार पर गहलोत ने कहा था कि राजस्थान में रोजाना दुष्कर्म की 10 से ज्यादा घटनाएं होना गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कांग्रेस शासन के समय दहाड़ा करती थी कि जिस सरकार में बच्चियों के साथ दुष्कर्म हो उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है, उन्हें चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। मुख्यमंत्री क्या अब अपनी खुद की सलाह पर अमल करेंगी?


गहलोत ने बयान में कहा था कि इस वर्ष के शुरूआती तीन महीनों में के 90 दिन में ही सरकार की नाक के नीचे जयपुर रेंज में ही 183 महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं सामने आई हैं। जहां तक प्रदेश का संबंध है, इसी अवधि में 966 महिलाओं को निशाना बनाया गया। पुलिस का इकबाल पूरी तरह खत्म हो चुका है। गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया अपने महकमे को लेकर बड़ी-बड़ी डींगें मारते हैं, जबकि हकीकत में उनकी कोई सुनता नहीं। महिला मुख्यमंत्री खुद संवेदनहीन बनी हुई हैं। महिला सशक्तीकरण करने की बातों में तो वे आगे हैं, मगर हकीकत में आज महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं। महिलाओं को घर से निकलने में डर लगने लगा है। बच्चियां तो आज के भाजपा शासन काल में घर में भी सुरक्षित दिखाई नहीं दे रहीं।

गहलोत ने कहा था कि सरकार ने 12 वर्ष तक की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के आरोपियों को मौत की सजा देने का विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर इतिश्री तो कर ली, लेकिन प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। अपराधियों में पुलिस का भय खत्म हो चुका है। अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। पीड़ितों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लगता है मुख्यमंत्री प्रशासन पर अपनी पकड़ पूरी तरह खो चुकी हैं।


... इधर, राजस्थान फिर हुआ शर्मसार
जयपुर के कानोता थाना क्षेत्र में साढ़े तीन साल की एक बच्ची के साथ हुई दुष्कर्म की घटना ने हर किसी को हिलाकर रख दिया। जिस बच्ची ने ठीक से खेलना-कूदना भी नहीं जाना था, आरोपी ने उसे अपनी हवस का शिकार बना डाला। वह मासूम अपने घर के बाहर भाई-बहनों के साथ खेल रही थी। नशे में धुत आरोपी ने उसे दुष्कर्म का शिकार बनाया। आरोपी पहले भी दो बार इस बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास कर चुका था।

नींद उड़ा दी घटना ने
दुष्कर्म की घटना की जानकारी मिलने के बाद आसपास के लोगों की नींद उड़ गई। मां आरोपी को पकडऩे की बात करती रही। पिता इधर उधर प्रयास करते रहे। बच्ची के भाई-बहन कुछ समझ नहीं पाए। घटना के बाद से मोल्ल्ले में परिजन अपने बच्चों को लेेकर चिंतित है। पुलिस ने बताया कि आरोपी 21 वर्षीय पवन कुमार रैगर मूलत: दौसा के कुंदड़ गांव का रहने वाला है। आठ-नौ साल पहले पवन के पिता कानोता थाना क्षेत्र में परिवार सहित आकर बस गए। अनपढ़ पवन यहां आसपास चल रहे ईंट भट्टों पर मजदूरी करता है। पिछले तीन-चार साल से ईंट भट्टों पर ट्रैक्टर-टॉली चलाता है।