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जयपुर/जालोर। राज्य सरकार के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने पूर्ववर्ती सरकार के दौरान रीट परीक्षा के माध्यम से शिक्षक बने 123 शिक्षकों के खिलाफ फर्जीवाडे का मामला दर्ज किया है। एसओजी जयपुर की ओर से 7 और 8 अगस्त को इन शिक्षकों के खिलाफ धारा 419, 420, 476, 471, 120बी और राजस्थान सार्वजनिक भर्ती परीक्षा अनुचित संसाधनों की रोकथाम कानून 2022 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार, पूर्ववर्ती सरकार के समय वर्ष 2018 से 2022 तक बीच रीट परीक्षा के माध्यम से हुई शिक्षक भर्ती को लेकर जांच की गई है। इस जांच के दौरान शिक्षक भर्ती के दौरान विभिन्न प्रकार का फर्जीवाडा कर नियुक्ति प्राप्त किए जाने का खुलासा हुआ।
एसओजी को पूर्ववर्ती सरकार के दौरान शिक्षक भर्ती के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। इस पर उन्होंने शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र भेजकर जांच कर रिपोर्ट भेजने के लिए कहा था। संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा की और से संभागवार जांच रिपोर्ट बीकानेर, चूरू, जयपुर, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, भरतपुर, पाली की ओर से निदेशक प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर को भेजी गई। कार्यालय निदेशक प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर ने ई-हस्ताक्षरित जांच रिपोर्ट 4 अप्रेल 2025 को तस्दीक की, जिसमें कुल 123 अभ्यर्थियों की फोटो एवं हस्ताक्षरों का मिलान नहीं हुआ या डिग्री संदिग्ध मिली। इन सभी अभ्यर्थियों की सूची एसओजी को सौंपी गई।
रीट के माध्यम से हुई इस शिक्षक भर्ती की जांच के दौरान 123 कार्मिकों के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए। हैरान करने वाली बात यह है कि इसमें से 115 कार्मिक जालोर-सांचौर के हैं। इन शिक्षकों पर डमी कैंडिडेट बैठाने, फर्जी तस्वीरें लगाने और अनुचित तरीकों से पेपर हल करने के आरोप हैं। इनमें से 95 प्रतिशत शिक्षक जालोर जिले के हैं, जिसे पेपरलीक माफिया का गढ़ माना जाता है। इसको देखते हुए एसओजी ने क्षेत्र से परीक्षा देने वाले व चयनित होने वाले सभी अभ्यार्थियों के दस्तावेज जांचने के निर्देश भी दिए हैं।
एसओजी ने हाल ही में दस्तावेजों के फर्जीवाड़े को लेकर शारीरिक शिक्षा अध्यापक सीधी भर्ती परीक्षा 2022 में बीपीएड की फर्जी डिग्री का खुलासा भी किया था। इसमें 165 कार्मिकों के खिलाफ मामला दर्ज एसओजी जांच कर रही है।
एसओजी ने सभी सरकारी विभागों से पिछली सरकार के समय हुई भर्तियों को लेकर गड़बड़ी कर नौकरी में आने वालों की जानकारी मांगी थी। जैसे-जैसे सूची मिल रही है। शिक्षा विभाग ने भी बड़े स्तर पर सूची दी है, जिसकी रिपोर्ट दर्ज कर जांच कर रहे हैं। कई विभागों में गड़बड़ी कर बड़ी संख्या में लगे कार्मिकों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं। वी.के. सिंह, एडीजी, एटीएस-एसओजी
पिछली सरकार के समय सरकारी नौकरियां में भर्ती होने वाले कार्मिकों की जांच करवाने के संबंध में एसओजी ने सभी विभागों को पत्र लिखा था। इसमें सभी विभागों में विभागीय कमेटी बनाकर तमाम दस्तावेजों की जांच करवाने के लिए कहा गया था। इसके तहत परीक्षा देने वाले व नौकरी करने वाले कार्मिक एक है या नहीं, इसके लिए कर्मचारियों के शैक्षणिक पात्रता के दस्तावेज एवं आवेदन के समय प्रस्तुत आवेदन पत्र, फोटो, हस्ताक्षर इत्यादि की भी जांच करवाई गई। जांच के बाद कर्मचारियों की भर्ती सम्बन्ध में जानकारी संदिग्ध मिलने पर उनकी सूची सौंपी गई।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल (2018-2022) में रीट परीक्षा आयोजित हुई थी। अध्यापक पात्रता परीक्षा 2018 लेवल 1 और 2 में पेपरलीक के आरोप लगे थे। जिसके बाद रीट परीक्षा 2021 लेवल 1 और 2 करवाई गई, जिसे पेपर लीक के बाद रद्द करना पड़ा था। जिसके एवज में तत्कालीन सरकार ने फिर से रीट परीक्षा 2022 लेवल 1 और 2 करवाई गई थी। रीट 2018 और 2022 में पेपर लीक और धांधली के आरोप पहले भी लगे थे, लेकिन अब ठोस सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
Published on:
11 Aug 2025 07:49 am
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