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किसानों के लिए बड़ी सौगात, भूमि पर दिए जाने वाले मुआवजे की संशोधित नीति स्वीकृत, अब अ​धिक मिलेगा मुआवजा

Farmers Compensation: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दी किसानों की मांग को मंजूरी, बदली मुआवजा नीति, किसानों को राहत: 400 केवी ट्रान्समिशन लाइनों पर मिलेगा अब अतिरिक्त मुआवजा।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Jul 23, 2025

Rajasthan Ajmer 12 dhanis get revenue village status notification issued soon know names

राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा। फोटो पत्रिका

Farmers Compensation: जयपुर। राजस्थान के किसानों के लिए राहतभरी खबर है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य में 400 केवी और उससे अधिक क्षमता की ट्रान्समिशन लाइनों के निर्माण के दौरान पथाधिकार(RightofWay - ROW) से प्रभावित भूमि पर किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे की संशोधित नीति को स्वीकृति दे दी है।

मुख्यमंत्री ने किसानों की वर्षों पुरानी मांग को मानते हुए यह निर्णय लिया है, जिससे अब ट्रान्समिशन टावरों और पथाधिकार के लिए उपयोग में ली गई भूमि के बदले किसानों को समुचित और अतिरिक्त मुआवजा मिलेगा। यह निर्णय राज्य के लाखों किसानों के हित में मील का पत्थर साबित होगा।

यह संशोधन 8 नवम्बर 2024 को लागू की गई 132 केवी या उससे अधिक क्षमता वाली ट्रान्समिशन लाइनों पर लागू मुआवजा नीति में किया गया है, जो अब 400 केवी और उससे अधिक क्षमता वाली ट्रान्समिशन लाइनों के लिए प्रभावी रहेगा।

ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने बताया कि इस संशोधित नीति से किसानों को बड़े पैमाने पर लाभ होगा। अब अधिक क्षमता की ट्रान्समिशन लाइनों के निर्माण से उनके खेतों में होने वाली क्षति की भरपाई उचित रूप से की जा सकेगी। साथ ही यह निर्णय प्रदेश में बिजली के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करेगा, जिससे आम जनता को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।

मुख्य बिंदु:

1-किसानों को 400 केवी या उससे अधिक ट्रान्समिशन लाइन के लिए मिलेगा समुचित मुआवजा

2-मुख्यमंत्री ने किसानों की वर्षों पुरानी मांग को दी स्वीकृति

3-संशोधित नीति से ट्रान्समिशन परियोजनाओं को मिलेगी रफ्तार

4-प्रदेश में बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में होगा सुधार

5-किसानों के हित में एक और बड़ा कदम

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क्या होता है ट्रान्समिशन लाइन में पथाधिकार(आरओडब्ल्यू)

पथाधिकार भूमि की एक पट्टी है, जहां ट्रान्समिशन लाइन का निर्माण, स्थापना, संचालन और रखरखाव किया जाता है। ट्रान्समिशन लाइन पथाधिकार(आरओडब्ल्यू) का केंद्र है। पथाधिकार उन सभी पेड़ों, संरचनाओं और निर्माण को हटाता है जो बिजली लाइनों में बाधा डालते हैं।

इस संशोधित नीति के अनुसार इन लाइनों के टावर के आधार क्षेत्र के लिए डीएलसी दरों के अनुसार भूमि मूल्य पर पहले से देय 200 प्रतिशत के अतिरिक्त अब 200 प्रतिशत मुआवजा और दिया जाएगा। टावर का आधार क्षेत्र, भूतल पर टावर के चारों पैरों से घिरा हुआ क्षेत्र होगा, साथ ही प्रत्येक तरफ एक मीटर का अतिरिक्त विस्तार भी होगा।

इसके अतिरिक्त पथाधिकार(आरओडब्ल्यू) कॉरिडोर के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि मूल्य का 30 प्रतिशत, नगर पालिका और अन्य सभी शहरी नियोजन क्षेत्रों के लिए भूमि मूल्य का 45 प्रतिशत एवं नगर निगमों और महानगरीय क्षेत्रों मेें भूमि मूल्य का 60 प्रतिशत मुआवजा राशि देय होगी।

ये संशोधित पथाधिकार(आरओडब्ल्यू) मुआवजा नीति सभी कार्यान्वयन एजेन्सियों (पारेषण लाइसेंसधारी), पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन और सभी निजी कम्पनियों पर लागू होगी, जो कि 400 केवी ट्रान्समिशन लाइन व उससे अधिक क्षमता की ट्रान्समिशन लाइनों के निर्माण में संलग्न है। यह नीति अन्तः राज्यीय एवं अन्तर राज्यीय दोनों तरह की पारेषण लाइनों पर लागू होगी।


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