
Narcotics Contro: जयपुर। जयपुर को नशामुक्त बनाने की दिशा में जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर की जिला स्तरीय समिति की बैठक में जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनीने सभी संबंधित विभागों को नशा मुक्त जयपुर अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन, भंडारण और परिवहन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए तथा युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए ठोस कार्ययोजना धरातल पर उतरनी चाहिए।
कलक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने स्कूल-कॉलेजों के पास तंबाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानों पर भी नजर रखने और आवश्यक कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा।
औषधि नियंत्रण विभाग को निर्देश दिए गए कि वे दवा दुकानों की नियमित जांच करें और बिना लाइसेंस, तय सीमा से अधिक, या प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री जैसे मामलों में तत्काल कार्रवाई करें।
डॉ. सोनी ने कहा कि युवाओं को नशे की गिरफ्त में आने से बचाने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाएं। साथ ही, युवाओं को ई-शपथ दिलवाकर इस मुहिम को जन-आंदोलन में बदला जाए।
जिला पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) आनंद शर्मा ने बताया कि कोटपा अधिनियम, 2003 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान और तंबाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा ‘ऑपरेशन नॉक आउट’ के तहत स्कूलों और कॉलेजों में विद्यार्थियों को नशे से दूर रखने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगदीश व्यास ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट की धारा 68(एफ) के तहत नशा कारोबारियों की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को सीज या फ्रीज किया जा सकता है, चाहे वह संपत्ति किसी और के नाम पर क्यों न हो।
जनता आमजन पोर्टल या हेल्पलाइन नंबर 1933 पर मादक पदार्थों से जुड़ी शिकायतें दर्ज करवा सकती है।
कलक्टर ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को निर्देश दिए कि जिले में बिना लाइसेंस संचालित अवैध नशामुक्ति केंद्रों पर प्रभावी कार्रवाई करें और नवजीवन योजना के तहत चिन्हित परिवारों को लाभ पहुंचाया जाए।
Updated on:
23 May 2025 03:10 pm
Published on:
23 May 2025 03:07 pm
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