
देवेन्द्र सिंह राठौड़
Menopause and Heart Disease: जयपुर. महिलाओं में मेनोपॉज के बाद ह्रदय रोग का खतरा अधिक बढ़ जाता है। स्थिति यह है कि हर दस में से आठ महिलाएं ह्रदय रोग के खतरे की जकड़ में हैं। इसकी वजह अव्यवस्थित जीवन शैली और जागरूकता की कमी बताई जा रही है। इस बात की पुष्टि जयपुर के एक निजी अस्पताल के ह्रदयरोग विशेषज्ञों के द्वारा किए गए सर्वे में हुई हैं।
सर्वे रिपोर्ट के नतीजे के अनुसार 83 फीसदी महिलाएं मेनोपॉज के बाद बढ़ते ह्रदय रोग जोखिम से पूरी तरह अनजान है। पता चला कि, 50 फीसदी से ज्यादा महिलाएं ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल की जांच तब करवातीं हैं, जब वे बीमार हो जाती है या बीमार महसूस करती है। इतना ही नहीं, कई केस ऐसे भी सामने सामने आए हैं, जिसमें इस तरह की जांच कभी करवाई ही नहीं गई। सर्वे में यह भी सामने आया कि ज्यादातर महिलाएं आहार और व्यायाम को ही ह्रदय स्वास्थ्य की कुंजी मानती हैं। जबकि असल में हार्मोनल बदलाव, तनाव और मेनोपॉज के बाद के शारीरिक परिवर्तन भी उतने ही बड़े कारक हैं। ऐसे में उन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसी स्थिति में ह्रदयरोग का जोखिम बढऩा तय है।
-विशेषज्ञों ने बताया कि 40 वर्ष से अधिक आयु की कई महिलाएं थकान, सीने में भारीपन और सांस फूलने जैसी समस्याओं का सामना करती हैं, लेकिन बेहद कम महिलाएं इन लक्षणों को हृदय रोग से जोड़ पाती हैं। यह स्थिति बताती है कि महिलाओं में निवारक स्वास्थ्य देखभाल की जागरूकता अभी भी बेहद कम है।
| स्वास्थ्य के लिए जरूरी कदम | विवरण |
|---|---|
| 40 वर्ष के बाद स्वास्थ्य जांच | हर साल हार्ट चेकअप, ईसीजी, ब्लड प्रेशर, शुगर और लिपिड प्रोफाइल की जांच करवाएँ |
| संतुलित आहार | कम तेल-घी का सेवन करें और भोजन को संतुलित रखें |
| फल और सब्जियाँ | डाइट में ताज़े फल और हरी सब्जियों को शामिल करें |
| नियमित व्यायाम | रोजाना योग करें या कम से कम 30 मिनट वॉक करें |
| तनाव प्रबंधन | तनाव कम करने के लिए ध्यान, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद लें |
| लक्षणों की पहचान | सीने में दर्द, थकान या सांस फूलने जैसे लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें |
विशेषज्ञों का कहना है कि मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर घटता है। इसके अलावा शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा कम हो जाती है। ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर तेजी से बढ़ सकता है। जिससे दिल की धमनियों में जाम होने की संभावना ज्यादा हो जाती है। इस वजह से महिलाओं में मेनोपॉज के बाद ह्रदय रोग का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) एक महिला के जीवन का प्राकृतिक पड़ाव है, जब उसके मासिक धर्म (पीरियड्स) स्थायी रूप से बंद हो जाते हैं। इसके बाद महिलाओं में हृदय रोग का खतरा बढऩा आम बात है, लेकिन इसकी जानकारी और जागरूकता अब भी बहुत कम है। ऐसे में 40 साल आयु के बाद महिलाओं को नियमित हार्ट चेकअप कराना चाहिए। जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव जैसे संतुलित आहार, योग, पैदल चलना और तनाव कम करना जैसे कदम लंबे समय तक दिल को स्वस्थ रख सकते हैं।
-डॉ. दिलशाद खान, ह्रदयरोग विशेषज्ञ
Published on:
29 Sept 2025 03:00 pm
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