
बीसलपुर बांध के गेट गुरुवार को दोपहर चार बजे खोल दिए गए। फोटो पत्रिका।
जयपुर। बीसलपुर बांध इस बार 24 जुलाई को ही भर गया। ऐसा पहली बार हुआ है। यह भी एक नया रेकॉर्ड बन गया है। जुलाई में बांध के लबालब होने और इसके गेट खुलने के पीछे तीन बड़े कारण सामने आए हैं। जानिए क्या रहे वे बड़े तीन कारण...।
पिछले साल की बात की जाए तो बांध के गेट छह सितम्बर को खोले गए थे। इस बार बांध के गेट 24 जुलाई को खोले गए हैं। दोनों बार गेट खुलने में 44 दिन का फासला रहा है।
इस बार मानसून पूरी तरह से मेहरबान रहा है। समय से एक सप्ताह पहले राजस्थान में मानसून आ गया। उम्मीद से अधिक बारिश भी हुई है। ऐसे में बीसलपुर बांध के लबालब हो गया। इस बार राजस्थान में मानसून एक सप्ताह पहले ही आ गया था। राजस्थान में मानसून सामान्यत: 25 जून को आता है। लेकिन इस बार 18 जून को ही मानसून ने राजस्थान में एंट्री कर ली। एंट्री के साथ मानसून ने राजस्थान को भिगो दिया। जयपुर सहित कई जिलों में एंट्री के साथ ही अच्छी बारिश भी हुई। इस बार दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी हिस्से से आए मानसून ने आधे से अधिक प्रदेश को भिगो दिया। इसका असर बीसलपुर बांध में पानी की आवक भी 21 जून से होना शुरू हो गई।
बीसलपुर बांध के जल्द भरने का दूसरा बड़ा कारण यह भी सामने आ रहा कि इस बार मानसून जहां समय से पहले आया वहीं पूरे राजस्थान में ही औसत से अधिक बारिश हुई है। इससे राजस्थान के कई बांध ओवरफ्लो हो गए। कोटा बैराज के भी गेट समय से पहले खोले गए।
बारिश की बात की जाए तो राजस्थान में इस बार मानसून की शानदार शुरुआत हुई है। आमतौर पर जहां बारिश 15 जुलाई के बाद तेज होती है वहीं इस साल मानसून ने जून के आखिरी और जुलाई की शुरुआत से ही रफ्तार पकड़ ली थी। राज्य के 35 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है और अब तक किसी भी जिले में बारिश की कमी नहीं देखी गई।
जल संसाधन विभाग के मुताबिक 35 जिलों में सामान्य से 60 % ज्यादा बारिश हुई है। सिंचाई विभाग की 21 जुलाई की रिपोर्ट के अनुसार कुल 176 बांध पूरी तरह भर चुके हैं। जबकि, पिछले साल इसी दिन (21 जुलाई) केवल 18 बांध भरे थे। उस समय बांधों में 35.77 प्रतिशत पानी था, जो इस साल अभी तक लगभग दोगुना 68.54 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
राजस्थान में विशेषतौर से भीलवाड़ा व टोंक जिले के साथ ही बीसलपुर बांध के कैचमेंट एरिया में अच्छी बारिश होने से बीसलपुर बांध में काफी पानी आया। इतना ही नहीं बीसलपुर में आने वाली त्रिवेणी का गेज 26 जून को आठ मीटर को भी पार कर गया। इसके बाद जुलाई के पहले सप्ताह में चार मीटर से अधिक गेज रहा। इसका असर यह रहा कि त्रिवेणी से पानी की आवक पूरे जुलाई में बनी रही। त्रिवेणी की लगातार आवक से बीसलपुर बांध के जल्द भरने की उम्मीदें काफी समय पहले से ही हो गई थी। त्रिवेणी की धार ने बीसलपुर के जल्द भरने में मदद की।
Updated on:
25 Jul 2025 11:24 am
Published on:
24 Jul 2025 05:20 pm
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