
श्रीगंगानगर ज़िले की श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर सामने आए चुनाव नतीजों में भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी की हार ने सभी को हैरान कर दिया। विधायक बने बगैर ही मौजूदा भजनलाल सरकार में मंत्री बनाए गए सुरेंद्र पाल सिंह को कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह कुन्नर 'रूबी' ने 11 हज़ार से भी ज़्यादा वोटों से करार शिकस्त दी।
पूर्व मंत्री सुरेंद्र पाल की इस हार ने भाजपा संगठन से लेकर 'डबल इंजन' की सरकार तक को झटका देने का काम कर दिया। इधर, सुरेंद्र पाल सिंह टीटी की हालिया हार से कुछ दिलचस्प आंकड़े सामने आए हैं।
अनलकी साबित हुआ नंबर 8
चुनाव से पूर्व ही मंत्री बनाए गए सुरेंद्र पाल सिंह टीटी की हार 8 जनवरी को आए चुनाव परिणाम के दिन हुई है। 8 के अंक को लेकर उनका अतीत अच्छा नहीं रहा है। वर्ष 1998, वर्ष 2008 और वर्ष 2018 के चुनाव के दौरान हर बार उनके हिस्से हार ही आई है। इस बार भी मतगणना 8 जनवरी को हुई और यह अंक उनके लिए अनलकी साबित हुआ।
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लकी है नंबर तीन
अनलकी नंबर 8 से उलट नंबर 3 सुरेंद्र पाल सिंह टीटी के लिए लकी साबित हुआ है। दरअसल, वर्ष 2003 और वर्ष 2013 में उन्होंने न केवल जीत हासिल की बल्कि दोनों बार वे मंत्री भी बने। वर्ष 2023 में भी वे बिना जीते ही मंत्री बन गए लेकिन परिणाम उनके अनुकूल नहीं आया।
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जब मंत्री रहे, तभी हारे
यह भी संयोग रहा है कि सुरेंद्र पाल सिंह टीटी जिस कार्यकाल में मंत्री रहे, उसके बाद अगले चुनाव में वे हारे ज़रूर हैं। वर्ष 2003 में वे मंत्री थे लेकिन वर्ष 2008 का चुनाव वे हार गए। इसी तरह से वर्ष 2013 में जीतकर वह फिर मंत्री बने लेकिन ठीक उसके बाद वर्ष 2018 का चुनाव हार गए।
इस बार तो बिना चुनाव जीते ही मंत्री बना दिए गए, तब से ही क्षेत्र में चर्चा जोरों पर थी। टीटी मंत्री रहते हुए हारते हैं, आखिरकार मतगणना के बाद चर्चा एक बार फिर सही साबित हुई।
Published on:
09 Jan 2024 02:44 pm
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