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राजस्थान में पहली बार हेलिकॉप्टर से जयपुर-जोधपुर पहुंचाए ऑर्गन, 8 लोगों के शरीर में काम करेंगे ब्रेन डेड विष्णु के अंग

Rajasthan Organ Transplant: झालावाड़ से हेलिकॉप्टर के जरिए ऑर्गन जयपुर और जोधपुर पहुंचाए गए। ऐसा करने में मात्र तीन घंटे का समय लगा।

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जयपुर। राजस्थान में ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए पहली बार हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया। झालावाड़ से हेलिकॉप्टर के जरिए ब्रेन डेड विष्णु के अंग जयपुर और जोधपुर पहुंचाए गए। ऐसा करने में मात्र तीन घंटे का समय लगा। खास बात ये है कि ब्रेन डेड युवक के अंग 8 लोगों के शरीर में काम करेंगे।

दरअसल, झालावाड़ के एसआरजी अस्पताल में भर्ती विष्णु प्रसाद को डॉक्टरों ने 13 दिसंबर को ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। जिस पर परिजनों की रजामंदी के बाद ऑर्गन ट्रांसप्लांट का फैसला लिया गया। जयपुर एसएमएस अस्पताल के डॉ राजकुमार के नेतृत्व में टीम सुबह 10.30 बजे ब्रेन डेड युवक के अंगों को लेकर हेलिकॉप्टर के जरिए झालावाड़ से रवाना हुई, जो करीब डेढ़ घंटे में जयपुर पहुंच गई।

हेलिकॉप्टर से 3 घंटे में जयपुर और जोधपुर पहुंचाए अंग

हेलिकॉप्टर में अंगों के दो बॉक्स रखे थे। जिनमें से एक बॉक्स को जयपुर उतारा गया, जिसमें हार्ट, किडनी और लंग्स थे। इन अंगों को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से एसएमएस अस्पताल ले जाया गया। इधर, एक किडनी और लीवर लेकर हेलिकॉप्टर दोपहर 1.30 बजे जोधपुर एम्स पहुंचा। इस पूरी प्रक्रिया में मात्र तीन घंटे लगे। वहीं, कॉर्नियां कोटा भेजा गया है। इस तरह विष्णु के अंग आठ लोगों के शरीर में काम करेंगे।

ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंगों को एयर एंबुलेंस तक पहुंचाया

जानकारी के मुताबिक झालावाड़ से सुबह 10.22 बजे अंग लेकर एयर एम्बुलेंस रवाना हुई। इससे पहले एसआरजी चिकित्सालय से पुलिस लाइन जहां पर एयर एम्बुलेंस खड़ी थी, वहां तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एम्बुलेंस को पुलिस लाइन पहुंचाया गया। इस दौरान दोनों तरफ के वाहन को रोका गया था। इस मौके पर जिला कलक्टर अजयसिंह राठौड़, डीन डॉ. दीपक गुप्ता, अधीक्षक डॉ. अशोक शर्मा, सीएमएचओ डॉ. साजिद खान आदि मौजूद रहे।

परिवारिक झगड़े में गंभीर घायल हुआ था विष्णु

गौरतलब है कि मानपुरा निवासी विष्णु प्रसाद (35) पुत्र हरिया 10 दिसंबर की रात परिवार के झगड़े में गंभीर घायल हो गया था। उसके सिर में गंभीर चोट आई थी। 11 दिसंबर को सुबह उसे एसआरजी चिकित्सल में भर्ती कराया गया था। झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के डॉ. रामसेवक योगी व डॉ. विशाल नैनीवाल के नेतृत्व में काम कर रही टीम ने 12 दिसंबर को विष्णु को ब्रेन डेड घोषित कर दिया था।

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झालावाड़ मेडिकल कॉलेज की टीम के डॉ. रामसेवक योगी व डॉ. विशाल नैनीवाल के नेतृत्व में काम कर रही टीम ने 12 दिसंबर को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। इसके बाद परिजनों की काउंसिलिंग की गई। परिजनों व पत्नी के राजी होने के बाद विष्णु के अंगदान करने का निर्णय लिया। परिजनों के राजी होने के बाद विष्णु के अंगों को तीन दिन तक चेक कर सुरक्षित रखा गया। सोटा से प्रमाण पत्र आने के बाद जयपुर व जोधपुर अंग भेजने का निर्णय लिया।


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