
जयपुर/पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
सरकार ने भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा केन्द्रों तक फ्री यात्रा की योजना तो शुरू कर दी। लेकिन इस योजना में खामी रहने से अभ्यर्थियों की जेब कट रही है। स्थिति यह है कि फ्री यात्रा की सुविधा होने के बाद भी अभ्यर्थियों को किराया देना पड़ रहा है।
दरअसल, सरकार ने योजना के तहत अभ्यर्थियों को स्थाई पते से परीक्षा केन्द्र तक नि:शुल्क यात्रा की सुविधा दी है। लेकिन भर्ती परीक्षाओं में 70 फीसदी अभ्यर्थी ऐसे हैं, जो जयपुर सहित कई बड़े शहरों में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में जब वे उन शहरों से प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए रोडवेज बसों में जाते हैं तो उनसे किराया वसूला जाता है।
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रोडवेज का तर्क है कि फ्री किराया स्थाई पते से परीक्षा केन्द्र तक होगा। ऐसे में अन्यत्र स्थानों पर रहने वाले अभ्यर्थी किराया देकर ही परीक्षा केन्द्र पहुंचते हैं। इसी प्रकार वापसी के समय परीक्षा केन्द्र से स्थाई पते तक ही फ्री यात्रा कराई जाती है। ऐसे में अभ्यर्थियों को वापसी में भी किराया देना पड़ रहा है।
नवंबर में बड़ी भर्तियां, समय से मिले राहत
नवंबर माह में दो बड़ी भर्तियां हैं। वनपाल और वनरक्षक भर्ती में करीब 21 लाख से अधिक अभ्यर्थी बैठेंगे। ऐसे में सरकार रोडवेज बसों में फ्री यात्रा की विसंगतियों को दूर करे, ताकि परीक्षा केन्द्रों तक जाने के लिए बेरोजगारों की जेब पर भार नहीं पड़े।
उपेन यादव, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ
Published on:
29 Oct 2022 03:28 pm
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