
जयपुर। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (संशोधित पीकेसी) को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। भाजपा के राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत के सवाल के जवाब में केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री राजभूषण चौधरी ने यह बात कही।
केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री राजभूषण चौधरी ने कहा कि इस परियोजना में राजस्थान के आधार पर डीपीआर तैयार हो चुकी है। तकनीकी और आर्थिक मूल्यांकन के लिए केंद्रीय जल आयोग को भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि नदियों को आपस में जोड़ने से संबंधित परियोजनाओं सहित किसी भी परियोजना को शामिल करना और उसका वित्तपोषण करना केंद्र सरकार से जारी मौजूदा गाइडलाइन, नीतिगत ढांचे, सही मूल्यांकन, सक्षम स्तर से मंजूरी और बजट पर निर्भर करता है।
जलशक्ति राज्य मंत्री ने बताया कि संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना के लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच 28 जनवरी, 2024 को एमओयू किया गया। इसके बाद 5 दिसंबर, 2024 को मेमोरेंडल ऑफ एसोसिएशन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए गए। संशोधित पार्बती-कालीसिंध-चंबल (एमपीकेसी) लिंक प्रस्ताव में मध्य प्रदेश सरकार से प्रस्तावित कूनो, पार्बती और कालीसिंध उप-बेसिन और राजस्थान सरकार से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को मिलाया गया है।
परियोजना से राजस्थान के 17 जिलों को जोड़ा गया है। इसमें जयपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, दौसा, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, अलवर, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़, अजमेर, ब्यावर और टोंक जिला शामिल है। राजस्थान को इस प्रोजेक्ट से 4103 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी मिलेगा।
Published on:
03 Dec 2025 07:24 am
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