
ashok gehlot
जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निशाने पर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती के मौके पर वर्चुअल कार्यक्रम में संघ और भाजपा पर जमकर हमला बोला। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के लोग अपराध बोध से ग्रसित हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े लोगों की देश की आजादी में कोई भूमिका नहीं थी, इनका एक भी आदमी आजादी की जंग में जेल नहीं गया, बल्कि आजादी की लड़ाई के दौरान वीर सावरकर अंग्रेजों के लिए सैनिक भर्ती करने का काम करते थे। इसीलिए आज यह लोग इतिहास को तोड़ मरोड़ कर देश के युवाओं को गुमराह कर रहे हैं।
नेहरू-सुभाष चंद्र बोस में नहीं थे मन भेद
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हम लोग बचपन से सुनते आ रहे हैं कि महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस के बीच मतभेद थे। आज नई पीढ़ी को इतिहास पढ़ने और उससे प्रेरणा लेने की जरूरत है कि किस प्रकार उस वक्त के महान नेताओं में मतभेद होते थे लेकिन मनभेद नहीं होते थे। चाहे फिर वो पंडित नेहरू हो या फिर सरदार पटेल, लेकिन भाजपा के लोग आज मनगढ़ंत बातें करके देश की युवा पीढ़ी को गुमराह कर रहे हैं।
देश में अशांति-तनाव का माहौल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आरएसएस और भाजपा के लोगों ने कभी भी महात्मा गांधी को स्वीकार नहीं किया और उनके हत्यारे गोडसे की पूजा करते हैं, उसकी मूर्ति लगाते हैं। इनको यह अधिकार किसने दिया है कि यह देश का इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश करें। सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने अमर जवान ज्योति को हटा दिया और अब यह कहते हैं कि इस देश में 70 साल में कुछ नहीं हुआ है।
सीएम ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ जो भी हुआ है 7 साल में हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश में अशांति-भय और नफरत का माहौल तैयार किया गया है। इसलिए आज देश में शांति और भाईचारे की जरूरत है। सभी धर्मों और वर्गों को साथ रखकर ही इस देश को और मजबूत किया सकता है, क्योंकि जहां पर शांति होती है वहां विकास होता है।
संघ ने तिरंगे को स्वीकार नहीं किया था
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कभी भी तिरंगे को स्वीकार नहीं किया और 52 साल तक अपने नागपुर वाले हेड क्वार्टर पर तिरंगा झंडा नहीं फहराया । अब जाकर ये लोग महात्मा गांधी को भी मानने लगे हैं। सुभाष चंद्र बोस को भी मानने लगे हैं और तिरंगे को मानने लगे हैं लेकिन यह केवल दिखावे की राजनीति करते हैं अंदर से ही आज भी किसी को नहीं मानते।
सुभाष चंद्र बोस के जय हिंद के नारे को पूरी कांग्रेस पार्टी ने अपनाया
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आजादी की लड़ाई में सुभाष चंद्र बोस ने जय हिंद का नारा दिया। इसी नारे को पंडित नेहरू ने भी लगाया, इंदिरा गांधी ने भी लगाया और आज देश में कांग्रेस पार्टी के तमाम कार्यकर्ता इस नारे को लगाते हैं। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस की विचारधारा है, वही सुभाष चंद्र बोस की विचारधारा थी, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद की विचारधारा।
असहमति रखने वालों को बताया जाता है देशद्रोही
सीएम गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र की सबसे अच्छी बात यही है कि अगर मैं आपकी बात से सहमत हूं तो भी मैं आपकी असहमति का सम्मान रखूंगा लेकिन आज देश में इसके विपरित हो रहा है, देश में सरकार से असहमति रखने वाले लोगों को देशद्रोही बता कर जेल में डाल दिया जाता है।
कई पत्रकारों और लेखकों को जेल में डाल दिया गया, लेकिन पहले ऐसा नहीं होता था। डॉक्टर अंबेडकर कांग्रेस पार्टी में नहीं थे बावजूद पंडित नेहरू के पहले मंत्रिमंडल में उन्हें कानून मंत्री बनाया गया। श्यामा प्रसाद मुखर्जी संघ के संस्थापक थे उन्हें भी कैबिनेट में मंत्री बनाया गया और यह सब कुछ देश हित के लिए किया गया था। इससे पहले कला और संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला सहित कई वक्ताओं ने भी नेताजी सुभाष चंद्र चंद्र बोस के व्यक्तित्व और आजादी की जंग में उनके योगदान पर प्रकाश डाला।
Published on:
23 Jan 2022 08:13 pm
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