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CM Ashok Gehlot Action Against Corruption : जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशन में राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई की है। सचिवालय-निदेशालय में कुंडलीमार अधिकारियों पर गाज गिरा दी है। अब तीन साल से एक ही पद पर जमे बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों को हटाने का निर्देश जारी कर दिया है। मुख्य सचिव की तरफ से जारी किए गए इस आदेश में साफ है कि अब कोई भी व्यक्ति एक पद पर एक अनुभाग में तीन साल से अधिक नहीं रह सकता है। बहुत विशेष स्थिति बनी तो इसे 5 साल तक किया जा सकता है। इससे ज्यादा किसी भी सूरत में कोई भी व्यक्ति एक पद पर नहीं रह पाएगा।
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यह माना जा रहा है कि राज्य सरकार ने यह कार्रवाई डीओईटी में संयुक्त सचिव के रिश्वतखोरी को देखते हुए की है। वह एक ही अनुभाग और पद पर काफी लंबे समय से बना हुआ था। मुख्य सचिव ने प्रशासनिक सुधार आदेश में कहा है कि राज्य में सुशासन की स्थापना के लिए राज्य कार्य त्वरित गति से करने और शासन तंत्र में सभी स्तर पर पारदर्शिता जवाबदेहिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। ऐसे में निदेशालय, आयुक्तालय, अधीनस्थ कार्यालय में अधिकारी और कर्मचारी लंबे समय तक एक ही अनुभाग और कार्यालय में पदस्थापित रहते हैं। इससे राजकार्य की पारदर्शिता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कार्यप्रणाली की निष्ठा और विश्वसनीयता भी संदेहास्पद होने लगती है। ऐसे में अब कोई भी कर्मचारी या अधिकारी एक पद पर तीन साल से अधिक नहीं रह सकता है।
15 साल से एक ही पद पर जमा हुआ था वेदप्रकाश
यह कार्रवाई डिपार्टमेंट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में संयुक्त सचिव वेद प्रकाश यादव के रिश्वत मामले की बाद की जा रही है। वेद प्रकाश यादव इसी निदेशालय में 15 साल से जमा हुआ था। 19 मई की रात को सचिवालय में 2.31 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी और 1 किलो सोने की बिस्किटनुमा सिल्ली बरामद हुई थी। सचिवालय की फाइलों वाली आलमारी में पैसा और सिल्ली के मिलते ही हड़कंप मच गया था। इसी दिन रिजर्व बैंक ने 2000 रुपए के नोटबंदी की घोषणा भी की थी। सोने की सिल्ली पर मेड इन स्विट्जरलैंड लिखा मिला। सोने की कीमत करीब 62 लाख रुपए बताई जाती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उस समय कर्नाटक में थे और उन्हें फिर इस बात की सूचना दी गई।
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फिर भ्रष्टाचार मुद्दा न बन जाए
राजस्थान सरकार में इस समय भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। जयपुर से लेकर दिल्ली तक पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट इसको लेकर मुखर हैं। पिछले दिनों उन्होंने सरकार को प्रदेश के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने का अल्टीमेटम भी दे रखा था। ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि सचिवालय में मिला यह पैसा भ्रष्टाचार का मुद्दा न बन जाए। इससे पहले ही यह बड़ा फैसला लिया गया है।
Published on:
01 Jun 2023 04:42 pm
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