महिला लाभार्थियों से संवाद कार्यक्रम के दौरान झालावाड़ निवासी ममता सुमन ने भी अपनी व्यथा मुख्यमंत्री को बताई। उन्होंने बताया कि उनके पति का निधन हो चुका है और घर में वे अकेली कमाने वाली सदस्य हैं। उनके दो बच्चे हैं, जिनमें से एक दिव्यांग है। गैस सिलेंडर सस्ता होने से उन्हें बहुत लाभ मिला है। इससे जो बचत होगी उससे वे बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवा पाएंगी।
इसी संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने जब ममता से पूछा कि क्या तुम्हारे पास गाय है? तो जवाब में उन्होंने कहा, ‘नहीं गाय तो नहीं है, पर मिट्ठू (तोता) ज़रूर है।’ ये जवाब सुनते ही मुख्यमंत्री सहित कार्यक्रम में मौजूद सभी की हंसी फूट पड़ी। इस संवाद और इस वाकये का वीडियो अंश मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के ज़रिये साझा भी किया है। इस वीडियो पोस्ट के साथ मुख्यमंत्री ने लिखा, ‘खुद सुन लीजिए ‘मिट्ठू’ की कहानी।’
लाभार्थियों ने कहा- महंगाई की मार से राहत देने के लिए सरकार का आभार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न जिलों से जुड़े लाभार्थियों से संवाद किया। भीलवाड़ा जिले की निवासी लाभार्थी सुनीता कोली ने खाते में सब्सिडी की राशि आने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना शुरु कर राज्य सरकार ने गरीबों के लिये बहुत अच्छा कार्य किया है। भीलवाड़ा जिले की ही निवासी श्रीमती असमा बानो ने बताया कि वे बीड़ी बनाकर अपने परिवार का गुजारा चलाती हैं। महंगा होने की वजह से वे पहले गैस सिलेण्डर खरीद नहीं पाती थीं। अब वे आसानी से इसे खरीद पाएंगी।