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कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति पर बवाल: मुख्यमंत्री गहलोत बोले- मुझसे यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हो गई

आचार संहिता लगने से पहले आरपीएससी सदस्य बनाए गए कर्नल केसरी सिंह अपने पुराने बयानों के वीडियो के चलते विवादों में आ गए हैं।

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CM Gehlot

जयपुर। आचार संहिता लगने से पहले आरपीएससी सदस्य बनाए गए कर्नल केसरी सिंह अपने पुराने बयानों के वीडियो के चलते विवादों में आ गए हैं। एक जाति विशेष ने जहां उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, वहीं अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उनके बयानों की निंदा की है। गहलोत ने कहा कि जो व्यक्ति 22 साल आर्मी में रहा हो उससे इस तरह के बयानों की उम्मीद नहीं थी। ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना मुझे हो गई। गहलोत ने कांग्रेस वॉर रूम के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा राजस्थान सहित अधिकांश राज्यों में पेपर लीक हुए हैं, यहां तक कि आर्मी और ज्यूडशरी में भी पेपर लीक हुए हैं। यह हम सभी के लिए चिंता की बात है। भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आर्मी बैकग्राउंड के लोगों को अध्यक्ष और सदस्य बनाए जाने के हमने प्रयास शुरू किए और अधिनस्थ बोर्ड में भी आर्मी बैकग्राउंड के आलोक राज को अध्यक्ष बनाया गया।

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केसरी सिंह टिकट मांगने आए थे
गहलोत ने कहा कि वे केसरी सिंह से सिर्फ एक बार मिले हैं। वो उनके पास मकराना से टिकट मांगने आए थे, न तो कभी उन्होंने मुझसे आरपीएससी सदस्य बनने की मांग की थी और नहीं किसी ने उनके नाम की सिफारिश की थी। समय कम बचा था, हमारी सरकार ने सोचा कि 2 महीने चुनाव में व्यस्त रहेंगे, लेकिन इसका नुकसान अभ्यार्थियों को नहीं होना चाहिए। इसके लिए आर्मी बैकग्राउंड के कई लोगों के आवेदन आए हुए थे। उनके रिकॉर्ड को देखते हुए उनके नाम की सिफारिश राज्यपाल को कर दी और राज्यपाल ने उनके नाम जारी कर दिए। मुझे भी थोड़ा लालच आ गया था कि मैं अपनी मकराना की सीट क्यों खराब करूं। इसके लिए उनके नाम की सिफारिश कर दी थी, अब जो बयान सामने आ रहे हैं तो इसका मुझे बहुत दुख है। गहलोत कहा कि केसरी सिहं के बयानों के जो वीडियो सोशल मीडिया पर वाय़रल हो रहे हैं, उनसे बहुत धक्का लगा है। 22 साल तक आर्मी में रहने वाला व्यक्ति इस तरह की सोच का हो सकता है। वे अब आरपीएससी सदस्य बन गए हैं। मैंने चाहा था कि मैं उनको को बुलाकर बात करूं, लेकिन वो मुझसे सदस्य बनने के बाद मिलने भी नहीं आए।

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किरोड़ी और केंद्र के बीच मिलीभगत
इधर राजधानी जयपुर के एक मॉल में ब्लैक मनी होने के आरोपों पर सीएम गहलोत ने कहा कि किरोड़ी मीना और केंद्र सरकार की मिली भगत है। उस मॉल में वो लॉकर किसके हैं, हमें क्या पता? धरने-प्रदर्शन करके सरकार को बदनाम करना उनकी पुरानी फितरत है। ईडी की कार्रवाई को लेकर गहलोत ने कहा कि अगर किसी ने बेईमानी की है तो उन पर छापे मारो और उनकी संपत्ति को कुर्क करो, लेकिन अगर पॉलिटिकल दबाव में निर्दोष लोगों पर कार्रवाई करके परेशान किया गया तो ये स्वीकार्य नहीं है।