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जयपुर में अवैध कॉलोनियों की बाढ़, बाहरी इलाकों का सबसे बुरा हाल; JDA मास्टर प्लान की राह में ये बड़ा रोड़ा

Illegal Colony in Jaipur: राजधानी जयपुर में इन दिनों अवैध कॉलोनियों का सृजन तेजी से बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा बुरा हाल शहर के बाहरी इलाकों का है।

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सुमेल में विकसित हो रही अवैध कॉलोनी। फोटो: पत्रिका

जयपुर। राजधानी जयपुर में इन दिनों अवैध कॉलोनियों का सृजन तेजी से बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा बुरा हाल शहर के बाहरी इलाकों का है। सीकर रोड, आगरा रोड, दिल्ली रोड से लेकर कालवाड़ और सिरसी रोड तक कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां खुलेआम बसाई जा रही हैं।

जेडीए क्षेत्र के विस्तार से आने वाले महीनों में ग्रामीण क्षेत्रों में भी भू-माफिया सक्रिय होने की आशंका है। यहां भी कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां विकसित होंगी। जब जेडीए मास्टर प्लान को अमल में लाने की कोशिश करेगा, तब अधिकारियों के सामने इन अवैध निर्माणों को हटाने की बड़ी चुनौती खड़ी होगी।

फिलहाल, बाहरी जोनों में कृषि भूमि पर धड़ल्ले से कॉलोनियां बन रही है। रोकथाम के नाम पर केवल औपचारिक कार्रवाई हो रही है। नतीजतन, कुछ ही समय में कॉलोनियां विकसित हो जाती है और उनमें लोग बसने भी लगते हैं।

आंखों देखा हाल: बाजार में घूम रहे हैं कॉलोनियों के नक्शे

आगरा रोड: यहां हालात सबसे खराब हैं। बगराना क्षेत्र में शिवि विहार नाम से अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही है। कॉलोनी में न तो पार्क है, न ही कोई सार्वजनिक सुविधा क्षेत्र। करीब चार हजार वर्ग गज में सिर्फ सड़कें और भूखंड हैं। इसी इलाके में बगराना डिपो मार्केट भी तैयार हो रहा है, जिसमें 36 दुकानें बनाई जा चुकी हैं।

सुमेल: यहां राधा वल्लभ नगर-प्रथम नाम से 9732 वर्ग गज में 111 भूखंडों की कॉलोनी विकसित हो रही है। सुविधा क्षेत्र और पार्क के नाम पर कुछ भी नहीं-पूरा भूभाग सड़कों और प्लॉट्स में बांट दिया गया है।

कालवाड़ रोड: चम्पापुरा गांव में गोकुल नगर नाम से कॉलोनी बस रही है। इसी तरह, सिरसी रोड पर दो बीघा भूमि पर नेहा रेजीडेंसी और निमेड़ा में आदर्श नगर नामक अवैध कॉलोनियां बन रही हैं।

कार्रवाई हुई… पर काम चालू है

5 नवम्बर को सीकर रोड स्थित सफेदा फार्म के पास जेडीए ने 16 बीघा कृषि भूमि पर अवैध रूप से विकसित किए जा रहे वेयरहाउस प्रोजेक्ट को ध्वस्त किया था। लेकिन अब वहीं फिर से निर्माण कार्य जारी है।

रोकथाम में ढिलाई: अधूरी टीम, बढ़ता दायरा

अवैध कॉलोनियों पर लगाम लगाने के लिए प्रवर्तन अधिकारियों की जरूरत है, लेकिन जेडीए के पास स्टाफ की भारी कमी है। पिछले दो साल से अधिकारियों के कई पद खाली हैं। जेडीए का दायरा बढ़ने से प्रवर्तन टीमों की संख्या भी बढ़नी चाहिए, लेकिन फिलहाल एक अधिकारी पर एक से अधिक जोनों की जिम्मेदारी है।

नामजोन संख्या / क्षेत्र
किशन सिंह भंडारी01
घनश्याम सिंह राठौड़02, 11
इरशाद कुरैशी03, मुख्यालय, स्टोर
राजेश पाठक05, 05-ए
अरुण पूनियां06, 07
भरत सिंह राठौड़08, 10, 10-ए
ब्रज भूषण अग्रवाल09
मनीष शर्मा12
ममता मीणा13
गंगाराम14, पृथ्वीराज नगर-दक्षिण
भवानी सिंह तंवरपृथ्वीराज नगर-उत्तर

वर्तमान स्थिति: प्रवर्तन शाखा में 18 स्वीकृत पदों में से केवल 11 अधिकारी कार्यरत हैं। 11 नए पदों की मंजूरी हाल ही में दी गई है, लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।