
प्रतीकात्मक तस्वीर: पत्रिका
Crime News: राजस्थान समेत कई राज्यों में भर्ती परीक्षाओं में हाईटक तरीके से नकल कराने के मामले में फरार चल रहे दो इनामी आरोपियों को आखिर एटीएस की टीम ने दबोच लिया है। दोनों आरोपियों पर पचास हजार का इनाम था और दोनों की करीब नौ-दस महीने से तलाश की जा रही थी। एटीएस को सूचना मिली कि दोनों गुडगांव में एक युवती के फ्लैट में हैं। एटीएस की टीम वहां पर नल सही करने वाले प्लबंर बनकर पहुंची और दोनों को अरेस्ट कर लिया। एटीएस के आईजी विकास कुमार ने इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया है।
आईजी ने बताया कि जोगेन्द्र कुमार झुंझुनूं और परमजीत हरियाणा का रहने वाला है। जोगेन्द्र इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और परमजीत कम्प्यूटर इंजीनियर है। दोनों ने कई भर्ती परीक्षाओं में भाग्य अजमाया लेकिन दोनों ही सफल नहीं हो सके। बाद में दोनों ऑनलाइन और ऑफलाइन परीक्षाओं में ऑब्जर्वर बनने लगे और वहीं से नकल करने के तरीकों को बारीकी से जाना। उसके बाद कुछ परीक्षाओं में नकल कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से पैसा लिया और पकड़ में नहीं आए। ऐसे में उनका हौंसला बढ़ा और इसे ही अपना काम बना लिया। हरियाणा, राजस्थान की कई परीक्षाओं में उन्होंने नकल कराई। बाद में उनके बारे में जानकारी पुलिस अफसरों तक पहुंची और उनकी तलाश की जाने लगी।
पिछले दिनों एटीएस को सूचना मिली कि दोनों गुडगांव में हैं। वहां पर पहुंचने के लिए एटीएस की टीम ने प्लानिंग की और खुद को प्लंबर बनाकर गुडगांव पहुंचे। वहां पर एक फ्लैट में दोनों अलग-अलग रूम में मिले। यह फ्लैट उनमें से ही एक की प्रेमिका का था। पुलिस ने दोनों के रूम से दोनों को दबोचा तो दोनों सिर्फ अंडरवियर में ही थे। बाद में दोनों को कपड़े पहनाकर अरेस्ट किया गया। दोनों को जयपुर लाया गया है और अब दोनों से उन तमाम परीक्षाओं के बारे में पूछताछ की जा रही है, जिनमें उन्होंने हाईटेक तरीके से नकल कराई थी। प्रेमिका को पता नहीं था कि दोनों पर पचास हजार का इनाम भी है। इस घटना से पूरी सोसायटी स्तब्ध रह गई। उसे जब पुलिस लेकर आ रही थी प्रेमिका रोने लगी, बाद में पुलिस ने आरोपी की पूरी सच्चाई बताई।तब वह भी हैरान रह गई। एटीएस ने इस ऑपरेशन को विक्टर और जॉली नाम दिया था।
Updated on:
04 Oct 2025 11:45 am
Published on:
04 Oct 2025 08:10 am
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