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Cyber Fraud: सावधान! ठगी से आपको बचाएगा मैसेज का आखिरी अक्षर, Trai ने जारी किए कोड

Cyber Security: यह सिस्टम टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशन (TCCCPR), 2018 के तहत लागू किया गया है। प्रत्येक मैसेज के साथ एक कोड होता है, जो उसके प्रकार और स्रोत को दर्शाता है।

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जयपुर

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MOHIT SHARMA

Jun 26, 2025

Photo: Patrika Network

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मोहित शर्मा.
Fake Messages: जयपुर. डिजिटल युग में साइबर ठग फर्जी मैसेज (SMS) के जरिए लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके adopt कर रहे हैं। इन मैसेज से बचने के लिए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के कोड्स की पहचान जरूरी है। कई मैसेज के अंत में 'जी', 'टी', 'पी' या 'एस' जैसे कोड होते हैं, जो उनके प्रकार को दर्शाते हैं। लेकिन अगर मैसेज के अंत में कोई कोड नहीं है, तो यह स्कैमर्स का जाल हो सकता है।

ऐसे में सावधानी बरतें, मैसेज सोच-समझकर खोलें और संदिग्ध लिंक पर कभी न क्लिक करें। साइबर फ्रॉड से बचने के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें और ठगी होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करें। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने फर्जी और अवांछित मैसेज (SMS) से बचाव के लिए एक कोड सिस्टम लागू किया है, जिससे यूजर्स मैसेज के स्रोत की पहचान कर सकते हैं। यह सिस्टम टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशन (TCCCPR), 2018 के तहत लागू किया गया है। प्रत्येक मैसेज के साथ एक कोड होता है, जो उसके प्रकार और स्रोत को दर्शाता है।


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TRAI कोड से करें मैसेज की पहचान: वैधता जांचने के लिए खास कोड निर्धारित

(G): सरकारी विभाग या संस्था का मैसेज।

(S): सर्विस से जुड़ा मैसेज (जैसे बैंक या बिल पेमेंट)।

(T): ट्रांजैक्शनल मैसेज (जैसे OTP या पेमेंट कन्फर्मेशन)।

(P): प्रमोशनल मैसेज (विज्ञापन या ऑफर)।

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बिना कोड का मैसेज = खतरे की घंटी!

अगर मैसेज में कोई कोड नहीं है, तो यह संदिग्ध हो सकता है। स्कैमर्स TRAI के डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर नहीं होते, इसलिए उनके मैसेज बिना कोड के आते हैं। ऐसे मैसेज से सतर्क रहें।


साइबर ठगों के हथकंडे और बचाव के तरीके

1.अनजान लिंक से रहें दूर: फर्जी मैसेज में अक्सर अनजान नंबरों से लिंक आते हैं, जो आपको फिशिंग वेबसाइट्स पर ले जा सकते हैं। इन पर क्लिक न करें।

2. वर्तनी और भाषा पर नजर: AI के इस्तेमाल से भले ही स्कैमर्स की भाषा बेहतर हो रही हो, लेकिन गलत व्याकरण, अजीब शब्द या असामान्य वाक्य संरचना संदिग्ध हो सकती है।

    3. स्रोत की पुष्टि करें: अगर मैसेज बैंक, सरकारी विभाग या कंपनी से होने का दावा करता है, तो उनकी आधिकारिक वेबसाइट या नंबर से सत्यापित करें। मैसेज में दिए नंबर या लिंक का इस्तेमाल न करें।

    सुरक्षा के लिए टिप्स

    1. अपने खातों में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू रखें।

    2. संदिग्ध मैसेज की शिकायत 1930 पर करें।

    3.अनचाहे मैसेज को ब्लॉक करें और अनजान नंबरों से सावधान रहें।

    सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!

    साइबर ठगों से बचने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। TRAI के कोड्स की जांच करें और फर्जी मैसेज के जाल में फंसने से बचें।

    क्या करें अगर स्कैम का शिकार हों?

    1. तुरंत बैंक/सेवा प्रदाता को सूचित करें और अकाउंट फ्रीज करें।

    2. फर्जी मैसेज की शिकायत 1909 पर या TRAI के DND ऐप पर करें।

    3.साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।

    4. नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।

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