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जयपुर। डीग के मेवात क्षेत्र में साइबर ठगी की रकम से ठग आलीशान बंगले ही नहीं बना रहे...बल्कि मेवात व आस-पास के क्षेत्रों में जमकर जमीनें खरीद रहे हैं। यहां लोगों का कहना है कि जांच हो तो सामने आए कि बड़े साइबर ठगों ने जयपुर-दिल्ली में भी प्रॉपर्टी बना ली है। साइबर ठगी की मोटी रकम जमीन, खेती, फार्म हाउस और बंगला बनाने के लिए काम ली जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना में लॉकडाउन के बाद मेवात क्षेत्र साइबर ठगी का गढ़ बन गया।
स्थानीय लोगों ने बातचीत में पत्रिका टीम से कहा कि डीग के मेवात क्षेत्र में सबसे पहले साइबर ठगी करने की शुरुआत जेन्जपुरी में हुई थी। इसके बाद साइबर ठगी ने पूरे मेवात क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। दिल्ली में काम करने वाले मेवात के युवक जामताड़ा के जालसाजों के संपर्क में आए और वहां से ठगी करना सीखा। फिर जुरहरा, कामां, पहाड़ी क्षेत्र में साइबर ठगी करने का जाल फैलाते हुए पूरे मेवात क्षेत्र में जड़े जमा ली।
कैथवाड़ा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि नोमात ने बताया कि ढाई वर्ष पहले मेवात क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग नरेगा में मजदूरी करते थे। अब वे साइबर करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके। इतना ही नहीं नरेगा में मजदूरी करने वाले, जिनके पास पहले कुछ नहीं था और साइबर ठगी करने के बाद कई बीघा खेत खरीद लिए।
किसी ने ठगी की रकम से फार्म हाउस तो किसी ने आलीशान बंगले बना लिए। हालात यह हो गए कि धन के बल पर आम लोगों को डराते धमकाते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार को गत ढाई वर्ष में मेवात व आस-पास के क्षेत्र में जमीन खरीदने की रजिस्ट्री करवाने वाले लोगों की तस्दीक करनी चाहिए। यह लोग ढाई वर्ष पहले क्या काम करते थे और ढाई वर्ष में अचानक इनके पास इतने पैसे कहां से आ गए, जो मजदूरी क्षेत्र कई बीघा खेत के मालिक बन गए।
Updated on:
24 Oct 2024 10:19 am
Published on:
24 Oct 2024 10:13 am
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