
जयपुर। द एवरग्रीन देव आनन्द सोसायटी और जेकेके की सहभागिता में सदाबाहर कलाकार देवानंद के 65 वर्षों के फिल्मी जीवन को एक बार फिर से जीवन्त किया गया। मौका रहा, देवानंद के 101वें जन्मदिवस पर 'देव फेस्टिवल' के 10वें संस्करण का। जवाहर कला केंद्र के रंगायन सभागार में आयोजित कार्यक्रम के तहत म्यूजिकल शाम में देवानंद की जिन्दगी के रोचक पलों को बयां किया गया।
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कार्यक्रम में 'पल भर के लिए कोई हमें…,' 'ख्वाब हो तुम या कोई हकीकत…', 'दिल का भंवर करे पुकार…', 'दिल आज शायर है…', 'फूलों के रंग से…', 'ऐसे ना तुम मुझे देखो…' जैसे नगमों को स्थानीय कलाकारों ने अपनी आवाज दी। कार्यक्रम में राजेश शर्मा, नीलम शर्मा, धर्मेंद्र छाबड़ा, संजय कौशिक, किशोर साराओगी, कवि शर्मा, राजकुमार लोटा, सुमन माथुर, मनोज श्रीमाली और राघव कामरा ने देवानंद की फिल्मों के सदाबहार गीतों को पेश किया। कार्यक्रम के दौरान पेंटर पवन कुमार टांक ने लाइव पेटिंग्स बनाकर देवानंद को ट्रिब्यूट दिया।
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इस मौके पर डॉ. महेन्द्र सुराणा के निर्देशन में एक प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न कॉलेजों की 300 से अधिक छात्राओं से देवानंद के जीवन और फ़िल्मी करियर से संबंधित प्रश्न पूछे गए। सही जवाब देने वाले विजेताओं को सम्मानित किया गया। इसी दौरान छात्र-छात्राओं की ओर से देवानंद के यादगार गीतों पर ग्रुप डांस, सोलो डांस और फैशन शो भी आयोजित किया गया। फेस्टिवल के तहत बोधि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित 'यादों में देवानंद' पुस्तक का विमोचन किया गया।
Published on:
27 Sept 2024 11:54 am
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